हैलो फ्रेंड्स, मैं काजल . मेरी उम्र 19 वर्ष, हाइट 5.2 फ़ीट, रंग गोरा, भरा हुआ बदन है. यह बात आज से करीब 4 महीने की है जब हमारी बिल्डिंग के बाजू वाली बिल्डिंग में एक किरायेदार रहने के लिए आये थे, उनका नाम पायल और हरमोल था! पायल नर्स थी और हरमोल इंजीनियर थे.
एक दिन जब मैं मार्किट जाने के लिए घर से निकली तो घर के सामने ही मुझे सपना मिली, उन्होंने मुझ से कहा- सुनिये, हम यहाँ नए आये हैं रहने के लिए आप की बाजू वाली बिल्डिंग में ही सेंकेंड फ्लोर पर… क्या आप मुझे बता सकती है कि यहाँ मार्किट कहाँ है, मुझे घर के लिए कुछ समान खरीदना है.
तब मैंने उनसे कहा- मैं भी मार्किट ही जा रही हूँ, आप मेरे साथ ही चलिये!
हम दोनों मार्किट के लिए निकल गई. रास्ते में हमारी एक दूसरे से काफी बात हुई मैंने उन्हें अपना नाम रीना बताया, उन्होंने मुझे अपना नाम सपना बताया. और भी काफी बात हुई हमारे बीच में जैसे वो कहाँ से आये हैं, यहाँ क्या करते हैं वगैरा वगैरा!मार्किट से खरीदी करने के बाद जब हम घर लौटे तो सपना के पास बहुत सारा सामान हो गया था तो मैंने उनसे कहा- चलिये सपना जी, मैं आपको आपके घर तक छोड़ देती हूं.
तो उन्होंने कहा- एक शर्त पर?
मैंने पूछा- क्या सपना जी?
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तो उन्होंने कहा- आप मुझे ये सपना जी… सपना जी…. मत बोलो, आप मुझे दीदी बोल सकती हो!
तो मैंने भी उन्हें कहा- ठीक है, पर आप भी मुझे आप न कह कर मुझे रीना ही बोलिये!
उन्होंने कहा- ठीक है रीना !
तब मैंने उनका कुछ सामान लिया और उनके साथ उनके घर गई सामान रखने के बाद सपना दीदी ने कहा- बैठो रीना , मैं चाय बनाती हूँ!
मैं बैठ गई, कुछ ही देर में सपना दीदी चाय बना कर ले आई, हम दोनों बैठ कर चाय पी रहे थे. शाम के करीब 6 बज चुके थे कि तभी सपना दीदी के पति (हरमोल ) आ गये.
तब दीदी ने उनसे मेरा परिचय करवाया और उनका नाम हरमोल बताया. मैंने भी अपना नाम रीना बताया.
हरमोल एक बहुत ही हेंडसम बंदा था, उसे देख कर तो मैं उसे देखती ही रही, उसकी बॉडी भी काफी कसी हुई थी.
कुछ देर उन दोनों से बातें करने के बाद मैंने सपना से कहा- मैं आपको तो दीदी बोलने लगी हूँ तो हरमोल जी को अब मैं क्या बुलाऊँ?
तो सपना ने कहा- मैं तुम्हारी दीदी हुई तो ये तुम्हारे जीजू हुए… तुम इन्हें जीजू कह कर बुलाओ!
तो उतने में ही हरमोल ने भी कहा- हाँ, तुम मुझे जीजू ही बोलो क्योंकि मेरी कोई साली नहीं है तो आज से सपना तुम्हारी दीदी और तुम मेरी साली हुई!
थोड़ी बहुत और बात करने के बाद में अपने घर गई.
अब उनको यहाँ आये हुए एक महीना हो चुका था, इस एक महीने में हमारे सम्बन्ध उनसे काफी अच्छे हो गए थे, अब तो रोज ही मेरे बात सपना दीदी से होती ही रहती थी और उनके पति निलेश जीजू से भी बात होती थी. वो तो मुझ से बात करने का कोई न कोई बहाना ही ढूंढते रहते थे. मुझे भी उनसे बात करना काफी अच्छा लगता था, मैं उन्हें काफी पसंद करने लगी थी.
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एक दिन मैं अपनी छत पर बैठी एक किताब पढ़ रही थी कि तभी मैंने देखी की हरमोल जीजू भी अपनी छत पर आए. हमारे घर की छत और उनके बिल्डिंग की छत बिल्कुल अगल बगल में ही है. हरमोल जीजू ने सिर्फ एक टॉवल ही लपेटा हुआ था और उनके एक हाथ में बाल्टी थी. जब मैं उनको देख रही थी, तभी उन्होंने भी मुझे देखा तो मैंने उनसे पूछा- ये क्या जीजू, आप इस हालत में यहाँ ऊपर छत पर क्या कर रहे हो?
तो उन्होंने कहा- पता नहीं क्या हुआ है, बाथरूम में पानी ही नहीं आ रहा था और मुझे ऑफिस जाने में लेट हो रहा था तो मैं यहाँ ऊपर छत पर नहाने के लिए आ गया!
इतना कह कर उन्होंने अपना टॉवल निकाल दिया, उन्होंने एक छोटी सी चड्डी पहने हुई थी, यह देख कर मैंने उनसे कहाँ- जीजू, आप को शर्म नहीं आती इस तरह खुले में सिर्फ एक छोटी चड्डी पहन कर नहाते हुए?
तो हरमोल जीजू कहने लगे- इसमें शर्माने वाली क्या बात है, यहाँ छत पर है ही कौन मुझे देखने वाला जिससे मैं शरमाऊँ? मैं तो तुम्हारा जीजा हूँ और तुम मेरी साली… साली से किस बात की शर्म? साली तो आधी घरवाली होती है!
इतना कह कर जीजू मुस्कुराने लगे और मैं भी कुछ न कह सकी तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दी.
अब जीजू अपने बदन पर साबुन लगाने लगे, वो कभी अपनी चड्डी के अंदर हाथ घुस कर लंड पर साबुन लगाते तो अभी पीछे हाथ घुस कर गांड पर साबुन लगाते!
आह… मेरी नजर तो जैसे उन पर चिपक ही गई, कसा हुआ बदन, उभरी हुई मसल्स, ताकत और ऊर्जा से भरा हुआ शरीर जिस पर उन का उभरा हुआ लंड चड्डी में से साफ दिखाई दे रहा था.
फिर जीजू अपने बदन पर पानी डालने लगे, उन्हें ऐसा देख मैं भगवान से प्रार्थना करने लगी कि काश एक बार जीजू के लंड के दर्शन हो जायें! तब मुझे क्या पता था कि मेरी ये मन्नत पूरी हो जाएगी.
कुछ देर बाद वो अपने शरीर की टॉवल से पौंछने लगे, एक बार तो उन्होंने अपना लंड चड्डी से बाहर निकाला और फिर जल्दी से उसे टॉवल से पौंछा और फिर अंदर कर लिया.
मेरे तो दिल ने जैसे धड़कना ही बंद कर दिया हो, जीजू का सोलिड मोटा और लम्बा लंड तो मेरे दिल को भा गया मेरी चूत फड़क उठी, बूब्स कसने लगे.
फिर उन्होंने टॉवल लपेटा और चड्डी खोल कर दूसरी पहनने लगे. अब दोबारा भी मुझे उनका लंड दिख गया, जीजू का लंड देख कर तो मेरी चूत में जैसे आग लग गई.
उसके बाद अगले दिन भी जब मैं छत पर थी तो जीजू फिर से नहाने के लिए आये, मैं फिर से उनके लंड के दर्शन करना चाहती थी लेकिन मम्मी ने मुझे नीचे बुला लिया और मेरी जीजू के लंड के दर्शन करने की इच्छा अधूरी रह गई.
एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और सपना दीदी अपने घर की चाबी मुझे दे कर ‘रीना , हरमोल जब घर आयें तो उन्हें ये चाबी दे देना, मुझे आज हॉस्पिटल से आने में देर हो जाएगी.’ यह कह कर वो हॉस्पिटल चली गई.
मेरे घर में कोई नहीं था और सपना दीदी भी बोल कर गई थी कि हरमोल जीजू आएंगे, तो मैंने अपनी ब्रा पेंटी उतार दी और एक बड़े गले का टॉप और छोटी सी निक्कर पहन ली, टॉप के ऊपर से ही मेरे बूब्स का शेप साफ दिखाई दे रहा था मैं अपनी जवानी जीजू को दिखाना चाहती थी इसलिए मैं ये सब कर रही थी.
मैंने अपनी ब्रा पेंटी सोफे पर ही रख दी थी कि जब जीजू आये तो उनकी नजर मेरी ब्रा पेंटी पर पड़े!
शाम के करीब 3:30 बजे मेरे घर की बेल बजी, मैं समझ गई कि जीजू ही होंगे… मैंने जैसे ही घर का दरवाजा खोली तो सामने जीजू ही थे.
मैं उन्हें देख कर खुश हो गई और उन्हें देखती रही. तभी जीजू ने कहा- रीना , मेरे घर की चाबी दे दो!