हसीन मेहबूबा

मेरा नाम अरमान है. मैं राजस्थान के कोटा शहर का रहने वाला हूँ। मेरा कद 6 फीट और उम्र 22 साल है. अच्छी बॉडी वाला लड़का हूँ। मैं दूसरों की तरह यह तो नहीं कहूंगा कि मेरा लण्ड 8 इंच का है, मगर यह जरूर कहूंगा कि मेरा लंड किसी भी औरत और लड़की को hotsex से संतुष्ट कर सकता है।

वो बरसात के दिन थे. मुझे किसी काम से मेरे शहर से 200 किलोमीटर दूर जाना था। मैं शनिवार को आपनी कार से निकल पड़ा।

मौसम बहुत सुहाना था तो मैंने रास्ते में वाइन शॉप से एक बीयर ले ली और कार में ही उसे पीने लग गया और कार भी चला रहा था।

Bookmark for Hotsex xxx kahani

मैं अपने शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर आ गया था. रास्ते में बरसात बहुत तेज हो गयी थी।

बीयर भी अपना असर दिखा रही थी. हल्का नशा हो रहा था.

बरसात तेज होने के कारण मुझे रोड साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था।

रास्ते में बहुत डरावना जंगल था. दूर-दूर तक सुनसान रास्ता था और रोड पर गाड़ियां भी बहुत कम चल रही थीं।

रात के करीब 8 बज चुके थे और मुझे भूख लग रही थी, मगर आस-पास दूर-दूर तक कुछ नहीं था।

तभी अचानक मेरे सामने जंगल में से भागता हुआ एक नीलगाय (हिरन जैसा जानवर) मेरी कार के सामने आ गया.

Bookmark for Hotsex xxx kahani

मैंने एकदम हड़बड़ा कर गाड़ी को साइड में घुमा दिया.

मेरी गाडी स्पीड में ही रोड से नीचे उतर कर झाड़ियों में घुस गयी और पीछे का टायर एक गड्ढे में फंस गया और गाड़ी बंद हो गयी।

मैंने मन ही मन ऊपरवाले को कोसा कि कैसे सुनसान रोड पर गाडी ख़राब करवा दी.

अब आस-पास दूर-दूर तक इंसान तो दूर, कोई झोपड़ी भी नहीं दिख रही थी.

मैंने सोचा चलो जैसे तैसे रात कार में ही गुजारते हैं. सुबह किसी को ढूंढ कर निकलने का जरिया खोज लूंगा।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

Bookmark for Hotsex xxx kahani

hotsex stories मेरे दिमाग में आया कि चलो रात यहाँ बिताने से अच्छा है कुछ दूर तक चला जाये. क्या पता कोई घर या झोपड़ी मिल जाये? मैंने कार को लॉक किया और चल पड़ा जंगल की ओर.

फिर अचानक से बहुत तेज बिजली कड़की और मुझे एक पुरानी फिल्मों की तरह की एक हवेली नजर आई मैंने सोचा कि चलो रात तो बिताई जा सकती है।

मैं उस हवेली की तरफ बढ़ चला.

अंधेरा होने की वजह से मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.

मैं हवेली के पास पंहुचा और मैंने आवाज लगाई पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई.

फिर मैंने जोर से दरवाज़े को बजाया मगर फिर भी कोई आवाज नहीं आई.

Bookmark for Hotsex xxx kahani

मैंने सोचा यहाँ कोई नहीं रहता, तो मैं जैसे ही वापस जाने के लिए मुड़ा, अचानक हवेली की लाइट जली और अंदर से आवाज आई- कौन है?

वो आवाज़ इतनी मधुर थी कि मैं उस औरत की सुंदरता को सिर्फ कल्पना कर रहा था कि इसकी आवाज इतनी सुन्दर है तो यह कितनी सुन्दर होगी?

तभी फिर से अंदर से आती आवाज ने मेरी कल्पना को तोड़ा- कौन है?

मैंने जवाब दिया- मेरी कार पास में ही ख़राब हो गयी है और रात भी बहुत हो गयी है इसलिये मैं आपके यहाँ रात गुजार सकता हूं क्या?

अंदर से आवाज आई- मैं तुम पर यकीन क्यों करूं?

मैंने फिर अपनी कार ख़राब होने की दास्तान सुनाई. तभी हवेली का दरवाजा खुला और तभी अचानक जो मैंने देखा उसे मैं कभी नहीं भूल सकता.

Bookmark for Hotsex xxx kahani

काली साड़ी में मेरे सामने खुद काम की देवी खड़ी थी. वैसी सुंदरता मैंने मेरी जिंदगी में कहीं नहीं देखी थी. जैसे स्वर्ग की अप्सराएं भी इसके सामने फीकी पड़ जायें।

उसके जिस्म को शब्दों में बयां करना नामुमकिन सा था. कद 5 फीट 8 इंच. चेहरा ऐसा जैसे कोई भी देखते ही मोहित हो जाये. होंठ सेब की फ़ांकों की तरह लाल, जिस्म का आकार 34, 30, 34 था.

उस काम की देवी के पास से ऐसी खुशबू आ रही थी कि बस मैं उसके वश में होता जा रहा था.

सी तराशी हुई हुस्न की मूरत थी कि खुदा ने अपनी सारी सोच इसे बनाने में ही लगा दी हो।

मैंने मन ही मन ऊपरवाले को शुक्रिया कहा कि ऐसी सुंदरी के दर्शन करवाए जिसे असल जिंदगी में देखना ही जिंदगी धन्य कर दे।

तभी उसकी आवाज ने फिर से मेरी कल्पना की दुनिया से मुझे जगाया- यहाँ ही खड़े रहना है या अंदर भी आओगे?

Bookmark for Hotsex xxx kahani

मेरे गले से धीमी सी आवाज निकली- हाँ जी.

उसे देखते ही सारे अरमान जाग गए. मैंने मन ही मन ऊपरवाले को धन्यवाद दिया।

मेरे मन में कुछ और सवाल भी थे कि इतने सुनसान जंगल में यह अकेली और यहाँ कोई नहीं?

अचानक मुझे गीले कपड़ों की वजह से छींकें आने लग गयीं तो उसने कहा- जाइये कपड़े बदल लीजिये.

मैंने कहा- मेरे पास कपड़े नहीं है. उसने कहा कि मेरे पति के कपड़े दे देती हूं मैं आपको. आप जाइये फ्रेश हो जाइये।

मैं जाकर फ्रेश हो कर आ गया और मैंने उसके पति का पायजामा और टी-शर्ट पहन ली. फिर भी मेरे मन में बहुत से सवाल थे तो मुझसे रहा नहीं गया.

मैंने उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम अक्षिता बताया और मैंने पूछा कि इस सुनसान जंगल में आप अकेली वो भी इतने बड़े घर में?

Bookmark for Hotsex xxx kahani

तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- ये मेरे पति के पुरखों की हवेली है और वो एक वन विभाग में अफसर हैं उनकी पोस्टिंग इसी जंगल में हो गयी तो हम यहाँ आ गये.

उसने आगे बताया कि घर के नौकर अपने गांव गये हैं और मेरे पति मीटिंग करने कुछ दिनों के लिए बाहर गए हैं.

फिर मैंने उसको अपना नाम बताया।

उन्होंने कहा- मैं अभी खाना लगाती हूं. आप खाने की टेबल पर चलिये.

फिर हमने साथ में खाना खाया. फिर अक्षिता ने बर्तन किचन में रखे.

जब वो चलती थी तो ऐसे लग रहा था कि कोई हिरणी अपनी सुंदरता पूरे जंगल में बिखेर कर जा रही हो।

मैं बार-बार ऊपरवाले को इस रात के लिये धन्यवाद दिये जा रहा था।

अक्षिता ने फिर मुझसे पूछा- आप कुछ पीएंगे?