पड़ोसी से चुदने का सुख
Antarvasna, hindi sex stories: सुबह के वक्त जब मैं उठी तो उस वक्त सुबह के 6:00 बज रहे थे और सुबह उठते ही मैंने घर की साफ सफाई का काम शुरू कर दिया था। मेरे पति कहने लगे कि सुहानी आज भी तुम सुबह उठ गई हो तुम कम से कम आज तो सोने दो। मेरे पति की उस दिन छुट्टी थी इसलिए वह चाहते थे कि वह आराम करें लेकिन मैं घर की साफ सफाई कर रही थी थोड़ी देर बाद मैं रसोई में चली गई और मैं नाश्ता बनाने लगी। मैंने जब घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 7:30 बज चुके थे मैं नाश्ता बना रही थी करीब एक घंटे बाद मैं नाश्ता भी तैयार कर चुकी थी मेरे पति भी उठ चुके थे और वह मुझे कहने लगे कि क्या तुमने नाश्ता बना दिया है। मैंने अपने पति को कहा हां मैंने नाश्ता बना दिया है वह कहने लगे चलो अब मैं भी नाश्ता कर ही लेता हूं और उन्होंने नाश्ता कर लिया नाश्ता करने के बाद वह अखबार पढ़ने लगे वह अखबार के पन्नों को टटोल रहे थे। अभी तक बच्चे उठे नहीं थे मेरे पति ने कहा कि सुहानी तुम बच्चों को भी उठा दो और फिर मैंने बच्चों को भी उठा दिया।
मैंने जब बच्चों को उठाया तो उसके बाद उन लोगों को मैंने नहलाया और उन लोगों ने भी नाश्ता किया करीब 10:00 बज चुके थे और 10:00 बजने के बाद मैं अपने पति के साथ बैठी हुई थी वह मुझे कहने लगे कि सुहानी काफी दिनों से हम लोग मौसी के घर नहीं गए हैं क्या हम लोग मौसी से मिलने के लिए चलें। मैंने अपने पति को कहा ठीक है हम लोग मौसी से मिल आते हैं मेरे पति अपनी मौसी को बहुत मानते हैं क्योंकि उनकी मां के गुजर जाने के बाद मौसी ने हीं मेरे पति का पालन पोषण किया था इस वजह से वह मौसी को बहुत मानते हैं। हम लोग उनके घर पर चले गए जब हम लोग उनके घर पर गए तो उस समय उनके परिवार के सब सदस्य घर पर ही थे और काफी समय बाद मौसी से मिलकर मेरे पति निखिल भी बहुत ज्यादा खुश थे। निखिल की खुशी देखते ही बनती थी और निखिल मुझे कहने लगे कि सुहानी आज हम लोग मौसी के घर पर ही रुकेंगे और हम लोग उस दिन मौसी के घर पर ही रुकने वाले थे।
अगले दिन जब हम लोग सुबह घर लौटे तो निखिल को ऑफिस के लिए देर हो रही थी इसलिए वह जल्दी से तैयार हुए और मैंने उनके लिए नाश्ता बना दिया था उसके बाद निखिल ऑफिस जा चुके थे। रोज की दिनचर्या की तरह उस दिन भी मेरी दिनचर्या चल रही थी कि तभी कोई डोर बेल बजा रहा था मैंने जब घड़ी की तरफ देखा तो उस वक्त 11:00 बज रहे थे मैंने सोचा कोई इतनी देर से बेल बज रहा है आखिर कौन होगा। मैं जब दरवाजे पर गई तो मैंने देखा एक लड़का खड़ा है और वह कुरियर लेकर आया हुआ था मुझे ध्यान आया कि निखिल मुझे कह रहे थे कि उनका कुरियर आने वाला है। जब मैंने वह कोरियर ले लिया तो अब वह लड़का जा चुका था मैंने निखिल को फोन किया और कहा कि निखिल तुम्हारा कोरियर आ चुका है तो वह मुझे कहने लगे की ठीक है तुम उसे संभाल कर रख देना। हर रोज की तरह जब शाम के वक्त निखिल अपने ऑफिस से लौटे तो वह आते ही मुझे कहने लगे कि सुहानी वह कोरियर तुम्हारे पास आया होगा तुमने वह कहां रखा है। मैंने निखिल को कहा वह हमारे बेडरूम की मेज पर रखा हुआ है निखिल ने वह कोरियर लिया जब उन्होंने वह कोरियर खोला तो वह बहुत ज्यादा खुश थे। मैंने निखिल को कहा कि तुम इतने ज्यादा खुश क्यों हो तो निखिल ने मुझे बताया कि उनकी जॉब चेन्नई में लग चुकी है मैंने निखिल को कहा लेकिन आपने तो मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया। वह मुझे कहने लगे कि सुहानी मुझे लगा था कि जब मेरी जॉब लग जाएगी उसके बाद मैं तुम्हें इस बारे में बताऊंगा मैंने काफी समय पहले चेन्नई की कंपनी में अप्लाई किया था और आखिरकार मेरा सिलेक्शन वहां हो ही गया। वह बहुत खुश नजर आ रहे थे निखिल इतने ज्यादा खुश थे की वह मुझे कहने लगे कि कुछ समय बाद मैं चेन्नई चला जाऊंगा। मैंने निखिल को कहा तो क्या मैं अब यहां बच्चों के साथ अकेली रहूंगी वह कहने लगे कि देखो सुहानी बच्चों की देखभाल तो करनी ही होगी और थोड़े समय बाद मैं तुम्हें अपने पास चेन्नई बुला लूंगा। मैंने निखिल को कहा लेकिन आपने चेन्नई जाने का फैसला अचानक से कैसे कर लिया वह मुझे कहने लगे की मैंने जब पहली बार अपनी कंपनी ज्वाइन की थी तभी से मेरा यह सपना था कि मेरा इस कंपनी में चेन्नई के लिए सलेक्शन हो जाए लेकिन काफी समय बाद मेरा इसमें सिलेक्शन हुआ है इसलिए मैं बहुत ज्यादा खुश हूं।
मैं इस बात से दुखी थी कि निखिल चेन्नई जाना चाहते हैं और मैं बिल्कुल भी इस बात से खुश नहीं थी और ना ही मैं चेन्नई जाना चाहती थी लेकिन निखिल का सपना पूरा हो गया था और वह चेन्नई जाने की तैयारी में थे। मैंने निखिल को कहा कि निखिल आप चेन्नई जाने के बारे में फिलहाल भूल जाइए तो निखिल कहने लगे कि नहीं सुहानी मैंने तुम्हें कहा है कि थोड़े समय बाद मैं तुम्हें बुला लूंगा इसलिए तुम बिल्कुल चिंता मत करो। मैंने जब यह बात कही तो निखिल ने मेरी बात नहीं मानी और कुछ समय के लिए वह चेन्नई चले गए। थोड़े समय बाद निखिल का मुझे फोन आया और निखिल ने मुझे बताया कि उन्होंने कंपनी ज्वाइन कर ली है और कुछ दिनों के लिए वह घर आ रहे हैं। निखिल कुछ दिनों के लिए घर लौट आए थे और जब निखिल घर लौटे तो निखिल ने मुझे बताया कि वह बहुत ही खुश हैं और अब निखिल को कंपनी की तरफ से एक फ्लैट मिल गया था। निखिल सिर्फ एक हफ्ते के लिए घर आए हुए थे इसी बीच मौसी भी हमारे घर पर आई हुई थी और निखिल ने जब इस बारे में मौसी को बताया तो मौसी कहने लगी कि निखिल तुमने इस बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं दी।
मौसी भी इस बात से हैरान जरूर थी लेकिन कहीं ना कहीं निखिल ने मौसी को कहा कि मौसी आप तो जानती हैं मैं काफी पहले से आपसे इस बारे में बात किया करता था और आखिरकार मेरा सपना आज पूरा हो ही गया। निखिल चेन्नई जा चुके थे निखिल जब चेन्नई चले गए तो घर में मैं अकेली रह गई थी कभी कबार मौसी मुझसे मिलने के लिए आ जाया करती थी। जब भी मौसी मुझसे मिलने के लिए आती तो वह मुझसे निखिल के बारे में जरूर पूछा करती थी और मेरी बात निखिल से भी होती रहती थी लेकिन मुझे काफी अकेलापन महसूस होता था। बच्चों की भी सारी जिम्मेदारियां मेरे ऊपर ही थी मैं चाहती थी कि मैं भी निखिल के साथ चेन्नई चली जाऊं लेकिन अभी तक मैं निखिल के साथ चेन्नई नहीं गई थी। निखिल से मै रोज फोन पर बात किया करती निखिल से कहती मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है लेकिन निखिल ने मुझे कहा थोड़े समय बाद मैं तुम्हें अपने पास बुला लूंगा लेकिन निखिल ने अभी तक हम लोगों को अपने पास नहीं बुलाया था। इसी बीच हमारे पड़ोस में एक परिवार रहने के लिए आया और उसी वक्त मेरी मुलाकात संजय से हुई लेकिन मुझे कहां मालूम था कि संजय और मेरे बीच में शारीरिक संबंध बन जाएंगे। संजय ही मेरी जरूरतों को पूरा कर रहे थे जब संजय मुझसे मिलने के लिए एक दिन दोपहर में आए तो उस वक्त में घर की सफाई कर रही थी और उसके बाद वह मेरे साथ बैठे हुए थे। कहीं ना कहीं मैं अभी भी निखिल को बहुत ज्यादा मिस कर रही थी इसी वजह से मुझे लगा कि शायद संजय के साथ मुझे सेक्स कर लेना चाहिए। ना जाने मेरे अंदर उस वक्त क्या फीलिंग जागी और मैंने संजय के होठों को चूम लिया।
संजय ने जब मुझे किस करना शुरू किया तो उन्होंने मेरी साड़ी को ऊपर उठाते हुए मेरी जांघ को जोर से दबाना शुरू किया और वह मेरी गांड को भी बहुत तेजी से दबा रहे थे। मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी जब मैंने अपने मुंह के अंदर उनके लंड को लेना शुरू किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए और मेरे अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी इस गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। संजय ने मेरे बदन से कपड़े उतारते हुए मेरी ब्रा को भी उतार दिया वह मुझे कहने लगे तुम्हारे स्तन बडे ही सुडौल है। उन्होंने मेरे स्तनों को बड़े ही अच्छे तरीके से रसपान करना शुरू कर दिया मेरे निप्पलो को वह अपने मुंह में लेकर चूसते तो मेरे निप्पल खड़े होने लगते। मैं इतनी ज्यादा उत्तेजित होने लगी कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी और मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए संजय से कहा आप मेरी चूत के अंदर लंड प्रवेश करवा दीजिए और आखिरकार संजय ने अपनी चूत के अंदर लंड घुसा दिया।
मैंने संजय को कहा मुझे लगता है मैं ज्यादा देर तक अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा। संजय मेरी चूत के अंदर आपने लंड को कर रहे थे काफी दिनों बाद मैंने किसी के लंड को अपनी चूत में लिया था निखिल के जाने के बाद मैं बहुत ही ज्यादा अकेली महसूस कर रही थी लेकिन संजय के लंड को मैंने अपनी चूत के अंदर लिया तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और संजय भी मुझे लगातार तेज गति से धक्के दे रहे थे। मुझे संजय के साथ सेक्स करने मे बड़ा ही मजा आ रहा था मैंने संजय का साथ बड़े ही अच्छे से दिया। जैसे ही संजय ने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया तो मैंने संजय को कहा तुम्हारे साथ दोबारा से सेक्स करना है? मैंने अपनी चूत को साफ किया मेरी चूत से वीर्य बाहर की तरफ गिर रहा था। संजय ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर फिर प्रवेश करवा दिया मैने संजय को कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं और संजय तेज गति से धक्के मार रहे थे। 10 मिनट की चुदाई के बाद जब संजय का वीर्य गिरा तो मैं बहुत खुश हो गई संजय इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि वह मेरे साथ सेक्स कर पाया। उसके बाद तो संजय और मेरे बीच ना जाने कितनी ही बार सेक्स हुआ। निखिल ने अभी तक हम लोगों को चेन्नई नहीं बुलाया था जिस वजह से संजय ही मेरी जरूरतों को पूरा कर रहा था।