उसने गांड मरवा ली | Hindi Sex Stories

उसने गांड मरवा ली

Antarvasna, kamukta: मैं अपने बिजनेस टूर के सिलसिले में चंडीगढ़ जा रहा था मैं जिस फ्लाइट से चंडीगढ़ जा रहा था उस फ्लाइट में मेरी मुलाकात गौतम से हुई गौतम से थोड़े ही समय में मेरी अच्छी दोस्ती हो गई। गौतम ने मुझे कहा कि वह मुझे अपने घर पर बुलाना चाहता है मैंने गौतम को कहा गौतम मैं अभी तो फिलहाल तुम्हारे घर पर नहीं आ पाऊंगा मैं अपने काम को पहले खत्म कर लूं उसके बाद ही तुमसे मिलने के लिए आऊंगा। गौतम कहने लगा ठीक है और मैं जब चंडीगढ़ पहुंचा तो वहां से मैं होटल में चला गया और उसी दिन मुझे अपनी मीटिंग के लिए जाना था और मैं अपनी मीटिंग के लिए चला गया। जब मैं अपनी मीटिंग के लिए गया तो मेरी मीटिंग बहुत ही अच्छी रही मैं जिस काम के लिए आया था वह काम तो मेरा पूरा हो चुका था उसके बाद मैंने गौतम को फोन किया। मैंने जब गौतम को फोन किया तो गौतम से मेरी काफी देर तक फोन पर बात हुई गौतम ने मुझे कहा कि क्या तुम घर पर आ रहे हो मैंने गौतम को कहा हां मैं घर पर आ रहा हूं। मैं होटल से तैयार होकर गौतम पर घर के लिए निकला रास्ते में मैंने कार को रुकवाया और मैंने गिफ्ट ले लिया मैं जब गौतम के घर गया तो मुझे गौतम के परिवार के बारे में तो ज्यादा पता नहीं था क्योंकि मैं पहली बार ही उन लोगों से मिलने वाला था।
मैं जब गौतम के घर के बाहर खड़ा था तो मैंने गौतम के घर की डोर बेल बजाई थोड़ी देर तक तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला जब गौतम ने दरवाजा खोला तो उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा मैं अब अंदर चला गया। गौतम ने मेरा परिचय अपनी पत्नी लता से करवाया और गौतम ने अपने बच्चों से भी मेरा परिचय करवाया गौतम के बड़े बेटे की उम्र 15 वर्ष है और उस दिन गौतम के परिवार से मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैंने काफी समय उन लोगों के साथ बिताया रात का डिनर खत्म करने के बाद मैं अपने होटल वापस लौट गया था मैं जब वापस लौटा तो उसके बाद मैं अगले ही दिन दिल्ली के लिए निकल चुका था। मैं दिल्ली जब अपने घर पहुंचा तो मेरी पत्नी मेरा इंतजार कर रही थी और वह मुझे कहने लगी कि रोहन आपने आने में काफी देर लगा दी मैंने अपनी पत्नी से कहा कि हां वह रास्ते में काफी ट्रैफिक था इस वजह से आने में मुझे थोड़ा देर हो गई। मैंने अपनी पत्नी सुधा से कहा कि तुम मेरे लिए चाय बना दो तो वह मुझे कहने लगी ठीक है मैं आपके लिए अभी चाय बना देती हूं।
सुधा ने मेरे लिए गरमा गरम चाय बनाई मैंने चाय पी और उसके बाद मैं कुछ देर अपने रूम में आराम कर रहा था मैं जब उठा तो मैंने सुधा से पूछा आज हर्षित कहीं दिखाई नहीं दे रहा। हर्षित मेरे लड़के का नाम है और वह कक्षा दसवीं में पढ़ता है तो मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि हर्षित अपने दोस्तों के साथ गया हुआ है बस थोड़ी देर बाद आता ही होगा। मैं हर्षित का इंतजार कर रहा था लेकिन वह काफी देर से घर लौटा इस वजह से मैंने उसे काफी डांटा और कहा कि तुमने घर आने में इतनी देर क्यों कर दी। वह मुझे कहने लगा पापा आज के बाद कभी भी मैं घर देर से नहीं आऊंगा। वहां अपने दोस्तों के साथ ही बैठा हुआ था इसलिए शायद उसे घर आने में देर हो गई मैंने हर्षित को समझाया और कहा कि बेटा यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है तो हर्षित मुझे कहने लगा हां पापा आगे से मैं इस बात का बिल्कुल ध्यान रखूंगा। अब वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा था और मैं जानता था कि वह अपने स्कूल में अच्छे नंबरों से पास होगा। इसी वजह से मुझे उसे डांटना पड़ा सुधा को भी मैं यह कह कर रखता कि तुम हर्षित पर ध्यान दिया करो और सुधा हर्षित पर अब ध्यान देने लगी थी मेरा बिजनेस तो अच्छे से चल ही रहा था और मुझे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूं। एक दिन मुझे गौतम का फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि हम लोग दिल्ली आ रहे हैं वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां कुछ दिनों के लिए आ रहे थे तो मैंने गौतम को कहा जब तुम दिल्ली आओ तो मुझे जरूर फोन करना। गौतम कहने लगा कि ठीक है मैं जब दिल्ली आऊंगा तो मैं तुम्हें जरूर फोन करूंगा। बहुत कम वक्त में हम लोगों की अच्छी दोस्ती हो गई थी और यह दोस्ती इतनी मजबूत हो गई कि हम लोग जब एक दूसरे को मिलते तो हमें बहुत अच्छा लगता। जब गौतम मेरे घर पर आया तो मैंने गौतम को कहा आज तुम लोग यहीं रुकोगे तो गौतम कहने लगा कि नहीं हम लोगों को वापस जाना पड़ेगा परंतु मैंने गौतम से पहले ही कह दिया था तो गौतम भी मेरी बात को मना ना कर सका।
गौतम और उसकी पत्नी और उनका बेटा तीनों ही घर आए हुए थे मैंने उनका परिचय अपनी पत्नी सुधा से करवाया और रात को हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया। हम लोगों की काफी देर तक बात हुई जब मेरी और गौतम की बात हुई तो मैंने गौतम से कहा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है गौतम मुझे कहने लगा फिलहाल तो काम अभी इतना अच्छा नहीं चल रहा। गौतम और मेरी बात काफी देर तक होती रही और हम दोनों अपने घर के छत पर बैठे हुए थे मैंने गौतम से कहा कुछ दिनों बाद मैं चंडीगढ़ में एक नई कंपनी शुरू करने जा रहा हूं यदि तुम चाहो तो तुम भी उसमें कुछ इन्वेस्टमेंट कर सकते हो। गौतम ने मुझे कहा ठीक है जब तुम चंडीगढ़ आओगे तो हम लोग इस बारे में जरूर बात करेंगे मैंने गौतम से कहा हां जब मैं चंडीगढ़ आऊंगा तो तुमसे इस बारे में बात जरूर करूंगा। गौतम और मैं एक दूसरे से काफी देर तक बात करते रहे फिर मेरी पत्नी सुधा ने कहा कि आप लोग सोने के लिए आ जाइए और हम लोग अब सोने के लिए चले गए।
हम लोग अब सोने के लिए चले गए थे लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी मैं जब उठा तो मैंने देखा लता भी उठी हुई है। मै लता के साथ बात करने लगा लता के स्तनों को देखकर मैंने उसके स्तनों को दबा दिया ।लता ने भी मुझे कुछ नहीं कहा हम दोनों सेक्स करने ही वाले थे कि तभी गौतम भी उठ गया। जब गौतम उठा तो लता कमरे में चली गई मैं भी अपने कमरे में सोने के लिए चुका था। अगले दिन वह लोग अपने चले गए लेकिन कुछ समय बाद मै जब चंडीगढ़ गया तो मैं गौतम के घर पर ही रुकने वाला था और मेरे लिए यह बहुत ही अच्छा मौका था। लता इस बात से बहुत खुश थी रात के जब गौतम सो चुका था तो लता कमरे में आई और वह मेरे बगल में लेट गई। वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाने लगी मैं भी उसकी चूतड़ों को दबाकर बहुत ही खुश था। मैंने उसके स्तनों को दबाया जब मैंने उसके बदन को गर्म कर दिया तो उसने अपने कपड़े उतारे। मैंने उसके साथ बहुत देर तक चुम्मा चाटी की उसने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक ले लिया। जब उसने लंड को लिया तो वह मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी। वह अपने गले के अंदर बाहर लंड को कर रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसकी चूत से निकलता हुआ पानी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था। मैंने लता से कहा मुझे लगता है तुम्हारी चूत के मजे लेने ही पडेगे? लता कहने लगी मेरी चूत तो तुम्हारे लिए कब से तड़प रही है। लता कि चूत के अंदर मैंने अब अपने लंड को घुसाना शुरू किया और उसकी चूत के अंदर जब मेरा लंड चला गया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा लंड मेरी चूत मे जाते ही मुझे बहुत अच्छा लगा। अब मैं उसके दोनों पैरों को खोलकर उसे बड़ी तेज गति से धक्के धक्के मार रहा था। उससे वह बड़ी खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम ऐसे ही चोदते रहो। मैंने उसे बहुत देर तक ऐसे ही चोदा मुझे नहीं पता था कि उसकी चूत से इतना पानी निकल आएगा कि वह अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पाएंगी।
वह मुझे अपने बदन की गर्मी से कुछ ज्यादा ही गर्म करने लगी हम दोनों की गर्माहट बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं बहुत ज्यादा पसीना पसीना होने लगा था और लता भी काफी पसीना पसीना हो चुकी थी। काफी देर तक मैं उसे अपने नीचे लेटाकर चोदता रहा लेकिन जब उसकी इच्छा नहीं भर रही थी तो उसने अपनी चूतडो को मेरी तरफ किया। मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए उसकी चूत के अंदर डाल दिया। मैं उसको बहुत देर तक चोदता रहा मैं जिस प्रकार से उसे चोद रहा था उससे वह इतनी ज्यादा खुश हो गई कि वह मुझे कहने लगी तुम अपने मोटे लंड को मेरी गांड के अंदर प्रवेश करवा दो। अभी तक लता की इच्छा तो पूरी नहीं हुई थी लेकिन मैंने भी अपने लंड को लता की गांड मे डाल दिया उसकी गांड के अंदर मेरा लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा लंड पूरे अंदर तक जा चुका है।
मैंने भी अब उसे तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए जिस गति से मै उसे चोद रहा था उससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए उसने मुझे कहा आज तो कसम से मजा आया गया। जब लता की गांड से खून निकलने लगा तो मैंने उसे कहा इससे पहले भी तुमने कभी किसी से गांड मरवाई है? वह कहने लगी नहीं इस से पहले मैंने किसी से अपनी गांड नहीं मारवाई है पहली बार लता की गांड मार कर मैं बहुत ज्यादा खुश था। मैंने उम्मीद भी नहीं की थी कि पहली बार ही वह मुझसे अपनी गांड मरवाने के लिए कहेगी लता कि गर्मी को मैने बुझा दिया था। इस बात से वह बहुत ज्यादा खुश थी मैं उसकी गर्मी को शांत कर पा रहा हूं मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से शांत कर दिया था। मेरे लंड से अब मेरा वीर्य बाहर निकलने लगा था मेरा वीर्य जैसे ही बाहर निकलने वाला था तो मैंने अपने लंड को लता के मुंह के अंदर डाल दिया। उसने मेरे सारे वीर्य को अपने अंदर ही निगल लिया वह मेरे सारे वीर्य को अपने अंदर ही ले चुकी थी। मै इस बात से बहुत ज्यादा खुश हो गया था कि लता के साथ मै सेक्स कर पाया लता और मैं जब भी मिलते तो हम दोनों एक दूसरे को खुश जरूर किया करते हैं।