हॅलो दोस्तो, मेरा नाम राजेश, फिर एक बार आपके सामने मेरी अधुरी रह गयी कहानी लेकरं आया हु। अब तक मैने कैसे मेरी सोते हुवे बुवा की लंडकी रेखा को मध्यरात्री चोदा. जब उसको पता चला तो उसने मेरे सामने एक शर्त रखी वो सब आप मेरी पिछाली सेक्स काम कहानी पहले चुदाई का नशा मैं पढे.
अब आगे…
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मैं सायकल लेकरं रेखा दीदी ने बताई चिजें कंडोम और इरेजर लेने मेडिकल निकला, पर मेडिकल जा कर इरेजर मांगने मे कोई आपत्ती नही थी ,पर कंडोम मांगने मे मेरे को झिजक महसुस हो रही थी. करिब 10 मिनिट सायकल चलाकर मे मेडिकल दुकान मे पहुच गया. मे मेडिकल की और बढा तभी मेने देखा मेडिकल मे तो एक लेडी थी. मे मेडिकल के पास पहुचकर वापस अपनी सायकल की और मुडा, मेरे मैं हिम्मत ही नही हो पा रही थी की कैसे जाकर वो औरत को कंडोम मागू , वो क्या समजेगी, तरह तरह के सवाल मनमे आने लगे, दुसरे मेडिकल जाने का सवाल ही नही आ रहा था, क्योकी वो करिब और 5 किलोमीटर लंबा था. तभी मेने सोचा चलो एक बार प्रयास करके देखते है. मे वापस मेडिकल की और बढा..
जैसे ही मे काउंटर पर पोहचा, ऊस मेडिकल वाली औरत ने मुझसे पुछा ,क्या चाहीये , मेने इरेजर मांगा , उसने मुझे इरेजर लाके दिया, मैं उधर ही खडा सोच रहा था को कंडोम कैसे मागू , तभी वो बोली और क्या चाहीये , मे को.को…..कुछ नही. शायद वह समज गयी थी, स्माईल करके बोली और कुछ नही चाहीये ना? मैं नही बोला , तीस रुपये हो गये वो बोली. मेने 100 का नोट दिया , उसने बाकी का पैसा वापस दिया , मेने बिना उसकी तरफ देखे वहा से निकल गया और सायकल के पास जाकर खडा हुवा , करिब 10 मिनटं खडे रह कर मैने निश्चय किया अभि कुछ भी हो अब कंडोम लेके ही आने का.मे वापस मेडिकल की तरफ बढा. काउन्ट पर जाकर रुका तभी. वहा पर एक लंडकी आई
मेडिकल वाली:- तुम को अब क्या चाहीये,
मैं:- आप ऊस लंडकी को देखो पहले क्या चाहीये बाद मैं मे बता देता हु.
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शायद वो मेडिकल वाली समज गयी थी, एक प्यारी स्माईल करते हुवे , उसने वह लंडकी को जो मेडिसिन चाहीये वो देकर मेरे पास आई,
मेडिकल वाली:- अब बोलो
मैं:- जी वो को… को..
मेडिकल वाली:- क्या?
मैं:- (धीमी आवाज मैं) कंडोम
मेडिकल वाली:- क्या , समजा नही
शायद वो मेरी फिरकी ले रही थी, उसकी हसी से मे समज गया और जोर से बोल दिया कंडोम.
मेडिकल वाली एक प्यारी स्माईल देकर बोली, कोणास दु?
मैं – क्या मतलब
मेडिकल वाली- अरे कभी लिया नही क्या पहले, मेने पुछा कोणास फ्लेवर या कंपनी का?
मैं – जो सही लगे वो दे दिजीए.
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मेडिकल वाली ने एक पॅकेट पेपर मैं बांध कर मुझे दे दिया और बोली 5 रुपये, मेने उसे पैसे दिये. वह मेरे तरफ हसके देख रही थी, वो भी क्या माल थी , उसकी सेटिंग कैसे हुवी और मेने उसे कैसे चोदा वह आपको दुसरे कहाणी मैं बताउनगा और मैं वहा से निकल गया. मैं सायकल के पास जाकर उसने लगाया कागद निकाला, उसने मुझे डीलक्स का कंडोम दिया था, ऊस समय यही चलता था, और जादा मेहंगा भी नही था. कंडोम जेब मैं रख कर सायकल पर बेठ कर मे घर की तरफ निकल गया. अब मुझे कब घर पोहचकर रेखा दीदी को चोदता हु इसकी आतुरता लगी थी. इस रोमांचित अनुभव से मेरा लंड तन चुका था. सायकल का पेडल मारने से मुझे वह जादा महसुस हो रहा था.
घर पोहचकर मैने बेल बजाई, रेखा दीदी ने दरवाजा खोला तो मे तुरंत अंदर घुस गया और दरवाजा बंद करके ,उसके उपर तूट पडा, मगर उसने मुझे रोकते हुवे कहा राज अपना क्या तय होगया था? मैं रुक कर बोला जैसे आप चाहो वैसे ही होगा दीदी. वह मुझे टोकते हुवे बोली , मुझे दीदी मत बुला गांडू , अबसे, जब कोई नही होगा तब तुम मुझे जानू बुलाते जा? मैं ओके जानू. अब वह बोली, अगर तू सब सामान लाया है तो अब हम अपने काम पे लगते है. चल मेरे साथ …. वह मुझे पकडकर बाथरूम की और लेकरं गयी. अंदर जाते जाते उसने गीजर ऑन किया.
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मेने पुछा, अब तक तुमने नहाया नही, उसने मेरे गाल पर पप्पी ली और बोली नही मेरे राजा तेरे लिये तो रुकी थी ,तेरे साथ नहाने का था ना!! हम लोग बाथरूम मे गये, तभी वह बोली , मेरे राजा अब एक काम कर , वह इरेजर निकाल. मे अन्याधारी के तरह इरेजर निकाल कर उसके हाथ मे दे रहा था, तभी वो बोली रुक इसका क्या करणे का हे वो सब तुझे ही करना है. मुझे कहा चल काम पे लग जा, प्यार से मेरी सलवार उतार , वेसेही मे आगे बढा और उसके रसिले होठो पे अपना होठं रखकर किस करणे लगा , वो भी मेरा पुरा साथ दे रही थी, एक हाथ नीचे ले जाकर मेने उसके सलवार का नाडा खिचा, सलवार खिसकर नीचे पैरो मे जा रुकी..
मेने अपना हात उसके चुत की तरफ बढाया और उसकी चुत को चड्डी के उपरसेही सहला ने लगा , वह भी मस्त सिसकीया लेते हुवे मुझे किस कर रही थी , उसने अपनी जीभ मेरे मु मे डाली , मे और रोमांच से भर गया और उसकी जीभ चुसने लगा , हमारी दोनो की जीभ एक दुसरे का आलिंगन ले रही थी , तब मैं रुका और नीचे झुकर उसकी निकर नीचे सरका कर सलवार और चड्डी उसके पैरोसे अलग कर दि. झाटो के जंगल मे उसकी चुत भी दिखाई नही दे रही थी, मैं ने उसे बोला अरे जानू क्या है ये , कितने सालो से इसे साफ नही किया, तभी वह बोली , कोई चोदने वाला नही ना, तो इसलीये उसके उपर मैने ध्यान ही नही दिया.
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अब तू है ना तो चल आज तेरे लिये आज उसको चिकणी कर देते है. वेसे ही उसने बाथरम स्टूल लिया और अपनी दोनो टांगे फैला कर बैठ गयी और बोली चल अब राजा काम पे लग जा आज उसको तेरे हाथ से ही चिकणी कर. तब मैं समज गया की इरेजर क्यो लाने को बोला था. वो बोली थोडा पानी और साबण लगा मेरे चुत के बाजू मैं और हलके हलके मसाज कर मेरी चुत की . मेने आज्ञाधरी की तरह साबण और पाणी लिया, पहले पाणी डालकर उसके चुत को भिगोया और साबुन लगाकर अपना हाथ उसके चुत पर रखा तभी उसने एक सिसकारी लेते हुवे मेरे होट चुंम लिये . मेरा हाथ नीचे उसके चुत पर हलका हलका घुम रहा था और वो और जोश मैं आ रही थी. मेने उसके होट चुंमते चुमते , दुसरा हाथ उसके बुब पर रखा और हलका हलका दबाने लगा , करिब पाच मिनिटं उसके होट चुसने के बाद मेने उसका कुर्ता उतार दिया, उसने भी मेरे सारे कपडे उतार दिये और, अब मेरा मु उसके बुब के निप्पल की और बढाया.