भाभी की कमाल चूत | Hindi Sex Stories

भाभी की कमाल चूत

Antarvasna, kamukta: माधुरी रसोई में काम कर रही थी मैं उस वक्त अखबार पढ़ रहा था मैंने अखबार को टेबल पर रखा और मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया। जब मैं नहा कर बाहर निकला तो माधुरी ने मुझे कहा कि प्रकाश आप नाश्ता कर लीजिए मैंने माधुरी से कहा अभी मेरा नाश्ता करने का मन नहीं है थोड़ी देर बाद मैं नाश्ता कर लूंगा। माधुरी कहने लगी ठीक है प्रकाश आप बता दीजिएगा जब आपको नाश्ता करना होगा मैं आपके लिए नाश्ता लगा दूंगी। माधुरी अभी भी घर की साफ सफाई का काम कर रही थी मैंने अपनी मेज पर रखी हुई मैगजीन को निकाला और उसे मैं पढ़ने लगा मैं जब मैगजीन पढ़ रहा था तो उस वक्त माधुरी मेरे पास आई और कहने लगी कि प्रकाश मैं दीदी से मिल कर आती हूं।
माधुरी की दीदी हमारे पड़ोस में ही रहती हैं तो माधुरी उनसे मिलने के लिए चली गई मुझे भी भूख लगने लगी थी तो मैं रसोई में गया और मैंने खुद ही नाश्ता निकाला। नाश्ता करने के बाद मैं हॉल में बैठा हुआ था मां और बाबूजी भी गांव गए हुए थे उन्हें कुछ समय हुआ था वह अभी तक गांव से लौटे नहीं थे। थोड़ी देर बाद माधुरी भी आ गई तो मैंने माधुरी से पूछा कि बच्चे कहां है वह कहने लगी की बच्चे तो दीदी के घर पर ही है दीदी ने कहा कि मैं थोड़ी देर बाद घर आऊंगी तो उन्हें अपने साथ लेती हुई आऊंगी। माधुरी ने मुझसे पूछा कि क्या आपने नाश्ता कर लिया है तो मैंने माधुरी को कहां हां मैंने नाश्ता कर लिया है माधुरी मुझे कहने लगी कि प्रकाश क्या आज आप घर पर ही हैं? मैंने माधुरी को कहा नहीं मैं अभी अविनाश से मिलने के लिए जाऊंगा। माधुरी कहने लगी कि अविनाश भैया भी काफी दिनों से घर नहीं आए हैं मैंने माधुरी को कहा हां अविनाश आजकल अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी है इसलिए वह घर नहीं आ पाया लेकिन मैं सोच रहा हूं कि उसे मिल आता हूं काफी दिन हो गए हैं उससे मेरी मुलाकात भी नहीं हुई है। मैं अपने रूम में तैयार होने चला गया, तैयार होने के बाद जब मैंने माधुरी से कहा कि मैं अविनाश को मिलने के लिए जा रहा हूं तो माधुरी कहने लगी कि प्रकाश लेकिन आप कब तक लौटेंगे।
मैंने माधुरी को कहा यह तो मैं तुम्हें नहीं बता सकता कि मैं कब तक लौटूंगा लेकिन मैं तुम्हें फोन कर दूंगा और तुम्हें इस बारे में बता दूंगा कि मैं कब घर वापस आ रहा हूं माधुरी मुझे कहने लगी कि ठीक है प्रकाश आप मुझे बता दीजिएगा। मैंने अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट की और मैं अविनाश से मिलने के लिए चला गया अविनाश मेरा छोटा भाई है अविनाश के घर तक पहुंचने में मुझे करीब आधा घंटा लग गया। जब मैं अविनाश की कॉलोनी में पहुंचा तो कॉलोनी में खड़े गार्ड ने मुझे रोका और कहा कि सर आपको कहां जाना है तो मैंने उसे कहा कि मुझे अविनाश कुमार से मिलना है वह कहने लगा कि सर आपको यहां पर एंट्री करनी पड़ेगी। मैंने भी रजिस्टर में एंट्री करवा दिया और उसके बाद मैं अंदर चला गया मैं जब अंदर गया तो मैंने अविनाश के घर की डोर बेल बजाई कुछ देर बाद पुष्पा ने दरवाजा खोला। जब पुष्पा ने दरवाजा खोला तो अविनाश ने मुझे देख लिया और अविनाश ने मुझे कहा भैया आज आप इतने समय बाद घर पर आए तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अविनाश ने मुझे अंदर आने के लिए कहा और पुष्पा रसोई से मेरे लिए पानी ले आई मैंने पानी पिया और गिलास को मैंने मेज पर रखा ही था कि अविनाश ने मुझसे पूछा कि भाई साहब भाभी और बच्चे कैसे है? मैंने अविनाश को कहा वह लोग तो ठीक है लेकिन तुम काफी दिनों से घर नहीं आए तो मैंने सोचा कि मैं ही तुमसे मिल लेता हूं। अविनाश मुझे कहने लगा कि मैं तो सिर्फ कुछ समय के लिए अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में पुणे गया हुआ था मैं अभी कुछ दिन पहले ही तो लौटा हूं इसलिए मैं आपसे मिलने के लिए आ नहीं पाया। मैंने अविनाश को कहा अविनाश बाकी सब तो ठीक है ना तो अविनाश कहने लगा कि हां भाई साहब बाकी सब तो ठीक है बस ऑफिस के काम के चलते थोड़ा बिजी रहता हूं इसलिए आपसे भी मैं काफी दिनों से मिल नहीं पाया। पुष्पा ने मुझसे पूछा कि भाई साहब मैं आपके लिए नाश्ता लगा देती हूं मैंने पुष्पा को कहा नहीं मैंने नाश्ता कर लिया था। मैं अविनाश से काफी समय बाद मिल रहा था तो हम लोग एक दूसरे से हाल-चाल पूछ रहे थे काफी समय बाद अविनाश से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने अविनाश को कहा अविनाश मैं चलता हूं तो अविनाश कहने लगा कि भाई साहब आप आज यहीं रुक जाते, मैंने अविनाश को कहा नहीं अविनाश मैं तो सिर्फ तुम्हारे हाल-चाल पूछने के लिए आया था कि तुम कैसे हो और सोचा कि काफी दिनों से तुमसे मुलाकात नहीं हुई है तो तुमसे मुलाकात भी कर लेता हूं। मैं अब वापस अपने घर लौट आया था मैं जब वापस घर लौटा तो माधुरी घर पर ही थी और बच्चे भी घर पर ही थे बच्चे काफी शोर-शराबा कर रहे थे तो मैंने उन्हें कहा कि तुम लोग इतना शोर क्यों कर रहे हो। जब मैंने उन्हें डांटते हुए कहा तो वह चुप हो गए और अपने रूम में पढ़ाई करने लगे माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे तो माधुरी ने मुझसे कहा कि प्रकाश मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी थी। मैंने माधुरी को कहा माधुरी कहो ना तुम्हें क्या जरूरी बात करनी थी तो माधुरी ने उस दिन मुझे कहां की उसके किसी रिश्तेदार की शादी है जिसमें उसे जाना है उसके लिए वह शॉपिंग करना चाहती थी। मैंने माधुरी को कहा कि मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा तुम अपनी दीदी के साथ ही शॉपिंग पर चले जाना क्योंकि मेरे पास तो शायद समय नहीं होगा इसलिए मैं तुम्हें कल पैसे दे दूंगा।
वह कहने लगी ठीक है प्रकाश आप मुझे कल पैसे दे दीजिएगा मैं कल दीदी के साथ ही शॉपिंग करने के लिए चली जाऊंगी। अगले दिन माधुरी अपनी दीदी के साथ शॉपिंग पर चली गई। मै भी अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया जब मैं उसके घर पर गया तो उस वक्त रोहित घर पर नहीं था। मैंने उसकी पत्नी से पूछा क्या रोहित घर पर नहीं है तो मुझे अवंतिका भाभी ने कहा नहीं रोहित घर पर नहीं है। वह घर पर अकेली थी मैं अवंतिका भाभी के साथ बैठा हुआ था मैने रोहित को फोन किया रोहित ने मुझे कहा मुझे आने मे समय लग जाएगा तुम घर पर ही मेरा इंतजार करना और मैं घर पर ही इंतजार कर रहा था। अवंतिका भाभी की गांड पर मेरी नजर पड रही थी तो मैंने उनसे पूछा लगता है रोहित आजकल आपका बहुत ध्यान दे रहा है। वह मुझे कहने लगी वह तो हमेशा से ही मेरा बहुत ध्यान देते है। मैं उनके बदन को देख रहा था उनके स्तनों पर जब मैं अपनी तीरछी नजर मारता तो वह भी इस बात को समझने लगी थी कि मेरी नज़र उनके स्तनों पर ही है। उन्होंने मुझे कहा लगता है आपको मुझसे कुछ चाहिए मैंने उन्हें कहा नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है लेकिन वह भी समझ चुकी थी इसलिए वह मेरे पास आकर बैठी। मैंने अपने हाथों को उनके स्तनो पर रखा मै उनके स्तनो को सहलाना लगा। जब मैं उनकी जांघ को सहला रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं जिस प्रकार से उनक जांघ को सहला रहा था उससे उनकी गर्मी भी बढ़ती ही जा रही थी। मैं अब उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता था मैंने उन्हें अपनी बाहों मे ले लिया उनके बड़े स्तनों को जब मैं अपने हाथ से दबाता तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और वह भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। उन्होंने मुझे कहा मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रही हूं वह मेरी गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी मैंने अपने लंड को बाहर निकाला मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और उसे अच्छे से सकिंग करने लगी।
जब वह ऐसा कर रही थी तो मेरे अंदर एक अलग ही प्रकार की गर्मी पैदा हो रही थी। मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश की और अपने लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया जब मेरा लंड चिकना हो चुका था तो मैंने उनके कपड़े उतारकर उनकी चूत मे लंड घुसाया। जब मैंने ऐसा किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह भी बड़ी खुश थी मेरा लंड उनकी योनि के अंदर तक जा चुका था उनकी चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही वह बड़ी जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। वह जिस प्रकार से मेरे साथ संभोग का मजा ले रही थी उससे मैं भी बहुत ज्यादा खुश था और मुझे यह समझ आ गया था कि वह पूरी तरीके से मजे में आ चुकी हैं। मैंने उनके दोनों पैरों को खोला और उनकी चूत मे तेजी से अंदर बाहर अपने मोटे लंड को करना शुरू किया तो उनकी मादक आवाज मे बढ़ोतरी होती जा रही थी।
उनकी मादक आवाज मे इतनी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई थी कि मैं उनकी चूत मारकर बहुत ज्यादा खुश था। जब मैं उनकी चूत के मजे ले रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी। मैंने भाभी से कहा भाभी आपकी गांड बहुत ही बडी है आपकी गांड को देखकर मेरा मन आपकी चूत मारने का करने लगा था। उन्होंने मुझे कहा आप मुझे घोड़ी बनाकर चोदो मैंने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाला और मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया वह और भी ज्यादा खुश हो गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। उन्हें जिस प्रकार से मजा आ रहा है उससे मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। मैंने उनको कहा आपकी चूत मारने मे मुझे बहुत मजा आ रहा है उनकी चूतडो से एक अलग ही आवाज पैदा होती हालांकि उनकी गर्मी को ज्यादा देर तक मैं झेल ना सका और अपने वीर्य को उनकी चूत मे गिरा दिया। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था वह भी बहुत खुश थी उसके बाद उन्होंने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद रोहित भी घर पर आ चुका था।