लंड को चूत मे लेने घर पर चली गर्ई
Antarvasna, hindi sex stories: मेरे पति ऑफिस जा चुके थे और बच्चे भी स्कूल के लिए निकल गए थे घर पर सिर्फ मैं ही अकेली रह गयी थी। उस दिन हमारे घर मे काम करने वाली मेड देरी से आई थी इसलिए मुझे उस दिन छुट्टी लेकर घर पर ही रहना पड़ा। मैं स्कूल में टीचर हूँ मुझे स्कूल में पढ़ाते हुए करीब चार पांच साल हो चुके है, मेरे दो बच्चे है मैं ही उन्हें अपने साथ स्कूल ले कर जाती हूँ। उनका स्कूल मेरे स्कूल से कुछ ही दूरी पर है परन्तु उस दिन वह लोग स्कूल बस से ही स्कूल गए क्योकि उस दिन मैंने स्कूल से छुट्टी ले ली थी, मेड भी देरी से आई थी और घर मे काम भी बहुत था। जब मेड आई तो उस वक्त मैं घर की साफ सफाई कर रही थी मैंने उससे पूछा कि आज तुम इतनी देर से क्यो आ रही हो मुझे तो लगा कि तुम आने वाली नही हो। वह कहने लगी कि मेम साहब आज मेरी बेटी की तबियत ठीक नही थी जिस वजह से मुझे आने में देरी हो गयी मुझे ही घर मे सारा काम देखना पड़ा, हमारी मेड का नाम कमला है। मैंने कमला से कहा चलो कोई बात नही लेकिन तुम्हे मुझे यह सब पहले बता देना चाहिए था कमला कहने लगी गलती हो गयी मेम साहब माफ कर दीजिए।
कमला ने झाड़ू उठाया और वह झाड़ू लगाने लगी झाड़ू लगाते लगाते वह मुझसे कहने लगी कि मेम साहब हो सकता है कल भी मुझे आने में देरी हो जाये। मैंने कमला से इसका कारण पूछा तो वह कहने लगी कि यदि कल तक मेरी बेटी का बुखार नही उतरा तो मुझे उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ेगा। मैंने उससे कहा की ठीक है पहले तुम उसे अस्पताल लेकर चली जाना उसके बाद समय लगेगा तो आ जाना नही तो कल की तुम छुट्टी कर लेना और यदि तुम्हे पैसों की जरूरत हो तो तुम मुझसे कह देना। कमला मेरी इस बात से खुश हो गयी और कहने लगी कि जी मेम साहब मैं आपको बता दूंगी। अगले दिन मैं जल्दी उठ गई थी कमला का भी कुछ पता नही था कि वह आएगी भी या नही इसलिए मुझे ही घर का सारा काम करना था। मैं जल्दी से नहा धोकर नाश्ते की तैयारी करने लगी इतने में पीयूष भी उठ गए वह मझे कहने लगे कि शीतल आज तुम जल्दी उठ गई क्या बात। मैंने पीयूष से कहा कि हो सकता है आज कमला ना आये इसलिए मुझे ही सारा काम देखना है वह कहने लगे कि क्यों आज कमला क्यो नही आने वाली सब ठीक तो है।
मैंने पीयूष से कहा कि उसकी बेटी की तबियत कुछ ठीक नही है तो आज वह उसे अस्पताल लेकर जाएगी, कल भी वह इसी वजह से देरी से आई थी जिस कारण मुझे भी कल स्कूल से छुट्टी लेनी पड़ी। पीयूष कहने लगे की जब तक मैं फ्रेश होकर आता हूँ तब तक तुम मेरे लिए एक कप चाय बना दो मैने पीयूष से कहा ठीक है अभी बना देती हूँ। पीयूष बाथरूम में फ्रेश होने चले गए और तब तक मैं उनके लिए चाय बनाने लगी, थोड़ी देर बाद पीयूष आये तो मैंने उन्हें चाय दी मैं भी उन्ही के साथ बैठकर चाय पीने लगी। मेरा आधा काम निपट चुका था मैं नाश्ता भी तैयार कर चुकी थी उसके बाद मैंने बच्चो को उठाया और उन्हें मुँह हाथ धुलाकर तैयार करने लगी इतने में पीयूष भी तैयार हो चुके थे। मैं बच्चो को तैयार करके खुद तैयार होने लगी उसके बाद हमने साथ मे बैठकर नाश्ता किया नाश्ता करने के बाद पीयूष अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे। मैंने बच्चो के लिए और खुद के लिए टिफिन रखा और थोड़ी देर बाद मैं भी बच्चो को लेकर स्कूल चली गयी, मैं अपनी कार ही स्कूल जाया करती हूँ। मैंने बच्चो को उनके स्कूल छोड़ा और वहां से मैं अपने स्कूल के लिए निकल गयी कुछ ही देर में मैं अपने स्कूल पहुंच चुकी थी। दिन के समय जब मैं स्कूल से घर लौटती तो बच्चो को भी साथ ले आती, बच्चे भी अब घर आ चुके थे तो मैंने उनके लिए जल्दी से खाना तैयार किया। हमने खाना खाया और उसके बाद मैं भी बच्चो के साथ आराम करने लगी मुझे पता ही नही चला कि कब मेरी आँख लग गयी जब मैं उठी तो उस वक्त 5:00 बज रहे थे। मैंने जल्दी से उठकर मुँह हाथ धोया और उसके बाद मैं चाय बनाने लगी तब तक बच्चे भी उठ गए। चाय पीने के बाद मैं बच्चो को घुमाने के लिए पार्क में चली गयी कुछ देर पार्क में टहलने के बाद हम लोग घर वापस लौट आये थे, घर लौटने के बाद जब मैने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 7:00 बज रहे थे।
बच्चे घर लौटने के बाद अपनी पढ़ाई करने लगे और मैं रात के डिनर की तैयारी करने लगी मैंने करीब एक घंटे में डिनर तैयार कर दिया था। थोड़ी देर बाद पीयूष भी आ गए वह काफी थके हुए नजर आ रहे थे मैंने उन्हें पानी दिया और वह पानी पीकर कपड़े चेंज करने चले गए। पीयूष जब कपड़े चेंज करके आये तो तब तक मैंने टेबल पर डिनर लगा दिया था हमने साथ मे डिनर किया और डिनर करने के बाद मैं और पीयूष आपस मे बात कर रहे थे उसके थोड़ी देर बाद हम लोग सोने की तैयारी करने लगे। अगले दिन कमला भी समय से घर पर आ गयी थी अब उसकी बेटी भी थोड़ा बहुत ठीक हो चुकी थी जिससे कि कमला भी काफी खुश नजर आ रही थी। अब वह दोबारा से घर का काम करने लगी थी एक दिन मैं अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने के लिए गई थी उस दिन मेरी सहेली ने मुझे अपने एक दोस्त से मिलवाया उसका नाम राहुल है। राहुल के बात करने का अंदाज मुझे अच्छा लगा राहुल के अंदर कुछ तो ऐसी बात थी जिससे कि मैं राहुल से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी और राहुल के साथ उस दिन हम लोगों ने काफी देर तक बात की उसके बाद एक दिन मुझे राहुल एक पार्टी में मिला उस दिन मेरे पति भी मेरे साथ ही थे लेकिन राहुल ने उस दिन मेरा नंबर ले लिया।
जब राहुल ने मेरा नंबर लिया तो उसके बाद जैसे अब हम दोनों की बातें हर रोज होने लगी थी और एक दिन राहुल ने मुझे अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया था। मैं राहुल के घर पर चली गई मैं बहुत ज्यादा खुश थी जब मैं राहुल के घर पर गई तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था और राहुल भी बड़े खुश थे। मैं राहुल के साथ सेक्स करना चाहती थी मैं अब राहुल के साथ सेक्स करना चाहती थी मैं राहुल के लिए बहुत ही ज्यादा तड़प रही थी और कहीं ना कहीं यह अच्छा भी था क्योंकि मेरी चूत की खुजली को राहुल मिटाने वाले थे। मेरी चूत की खुजली को राहुल मिटाने वाले थे राहुल अब मेरे होठों को चूमने लगे थे उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया था राहुल की पत्नी अपने मायके गई थी इसलिए शायद वह इसी बात का फायदा उठाने वाले थे मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। मैं इतनी ज्यादा खुश थी कि कहीं ना कहीं मैं राहुल के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही थी मैंने जब राहुल को किस किया तो राहुल अब अपने आपको बिल्कुल रोक नहीं पाया और राहुल ने जब अपने लंड को बाहर निकाल लिया तो मैंने भी राहुल के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर बड़े अच्छे से चूसना शुरू कर दिया था जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। मैंने राहुल को कहा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ चुकी है राहुल अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे राहुल ने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। राहुल ने मेरे बदन से सारे कपड़े उतार दिए अब मैं राहुल के सामने नग्न अवस्था में थी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब राहुल और मैं एक दूसरे के बदन को महसूस कर रहे थे मेरे अंदर की गर्मी बढ चुकी थी। मैं पहली बार किसी गैर पुरुष के साथ सेक्स कर रही थी लेकिन मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब राहुल ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया राहुल को मजा आने लगा अब मैं बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी मैं इतनी ज्यादा खुश हो चुकी थी कि राहुल के साथ में पूरी तरीके से मजे लेना चाहती थी।
मैंने राहुल के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे अच्छे से चूसना शुरू किया मैं जिस प्रकार से राहुल के लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था और राहुल को भी बड़ा आनंद आ रहा था मैने काफी देर तक राहुल के लंड को अंदर-बाहर किया लेकिन जब राहुल ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। हम दोनों अब गरम हो चुके थे मेरी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ चुका था मैं एक पल के लिए भी अब अपने आपको रोक नहीं पा रही थी मेरी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी और राहुल भी गर्म हो चुके थे। राहुल ने मेरी चूत पर अपने लंड को लगाया जब राहुल ने अपने लंड को मेरी चूत पर लगाया तो मेरी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था और राहुल बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गए थे। उन्होंने मेरी चूत के अंदर धक्का मारते हुए लंड को घुसाया राहुल का लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था।
मुझे अब इतना ज्यादा मजा आने लगा कि मैं एक पल भी अब रह नहीं पा रहा था मैंने राहुल को कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मुझे चोदता जाओ। मैंने राहुल को अपने पैरों के बीच में अब जकडना शुरू कर दिया था और जिस प्रकार से मैं राहुल को अपने पैरों के बीच में जकड़ कर उसे अपनी और आकर्षित करती तो राहुल भी खुश हो जाते और वह कहते मुझे तुम्हें चोदने में बहुत मजा आ रहा है मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल चुका था और मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। मैं राहुल से अपनी चूत मरवा रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मैं बहुत ज्यादा खुश भी थी आखिरकार मेरी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही अधिक होने लगा था जिस कारण मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मुझे लगने लगा था मैं झड़ चुकी हूं। राहुल ने मेरे दोनों पैरों को आपस में मिला लिया और मुझे बड़ी तेजी से चोदा जिसके बाद मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिराकर मेरी गर्मी को बुझा दिया था।