मैंने पानी पिया तो कुछ रिलैक्स हुई.. ब्लू फिल्म से सब कुछ मालूम था ही अब मैं पूरे मजे के मूड में थी।
वैसे भी सर ने इतना गर्म कर दिया था कि अब बिना चुदे शांति नही मिलती.. लेकिन पहली बार का डर हावी था कि बहुत दर्द होगा..
तभी सर ने अपने जूते और ऊपर के कपड़े खोल दिये और मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे बुर पर होठ रख दिये और चूसने लगे..
अब बुर को खोल कर दाने भी चूस रहे थे.. जीभ से 7-8 मिन तक चूसते और चाटते रहे..
मेरे बुर से पहली बार कुछ निकला जिसे सर ने कपड़े से साफ किया.. लेकिन मुझे बहुत रिलैक्स फील हुआ।
सर खड़े हुए और अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दिया..
पहली बार किसी का लंड देखा था.. लंबा सा मोटा भी।
सर तो गोरे थे लेकिन लंड काला सा।
सर बोले पकड़ो इसे..
पकडते ही करंट जैसा लग..
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एकदम गरम लोहे की रॉड की तरह मैं तो डर गई कि ये कैसे जाएगा मेरे छोटे से बुर में..
सर बोले मुह में लो इसे मैंने फ़िल्म में देखा था .. तुरंत उठी और मुँह में ले लिया और चूसने लगी.. लेकिन ऐसा लग रहा था कि चूसने से और ज्यादा लंबा और मोटा होता जा रहा था।
तो मैंने चूसना छोड़ दिया..
सर बोले क्या हुआ मैं बोली सर ये मोटा होता जा रहा है मेरी बुर में कैसे जाएगा।
सर हँसते हुए बोले अरे बड़े कमाल की होती है बुर हाथी का लंड डाल दो वो भी चला जायेगा।
कहते हुए पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दिया और बाल पकड़ कर चोदने लगे..
फिर खुद बिस्तर पर लेट गए और 69 कि पोजीसन में आ गए अब मैं उनका लंड चूस रही थी और सर मेरी बुर को चूसे जा रहे थे..
अब मैं उत्तेजित हो कर अपने बुर को सर के मुंह पर दबा रही थी।
सर उठे मुझे बिस्तर पर लिटाया और पैर फैलाकर मेरे बुर पर लंड से रगड़ने लगे..
मेरा दिमाग खराब हो रहा था लेकिन सर आराम से अपना काम कर रहे थे मैंने कहा सर जल्दी करिये..
बोले क्या जल्दी है रात भर समय है.. मैं चौक पड़ी की सर रात भर चोदने के किये सोच रहे है क्या। मैं बोली सर अभी मुझे कुछ हो रहा कुछ करिये.. सर बोले बोलो मैं क्या करूँ… मैंने कहा सर तेल ले लीजिए आपका बहुत मोटा है..
सर उठे तुरंत मेज की दराज से तेल निकाला और मेरे बुर की तेल के साथ मालिश करने लगे और मुझे उतेजित किये जा रहे थे। मैं एकदम परेशान हो रही थी बुर में पता नही क्या हो रहा था ..
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सर टाइम बर्बाद कर रहे थे तो मैं उनका लंड पकड़ ली बुर में घुसाने लगी तो सर पीछे हट गए और बोले अब बोलो की क्या करना है तुम तैयार हो न ?
मुझे तो इतना गुस्सा आया कि मैं चिल्ला पड़ी हा मैं तैयार हूं चोदो मुझे।
बोले सोच लो .. दर्द होगा फट जाएगी बुर..
मैंने कहा साले इसी लिए इतनी देर से गर्म कर रहा था चोद मुझे चाहे कुछ भी हो जाये..
सर ने तुरंत कंडोम निकाला और बोले साली अभी तेरी गर्मी कम करता हु..
मैं तुरंत उठी और कंडोम छीन कर फेंक दिया और बोली पहली बार ऐसे ही चोदो बाद में कंडोम लगाना।
सर बोले एक नंबर की रंडी बनोगी साली.. और कहते हुए मेरे बुर पर अपना लंड रख कर घुसाने लगे..
टाइट बुर पहली बार लंड जा रहा था… सर की भी हालत खराब थी …मेरी तो पूछो मत..
तभी सर का सुपाड़ा मेरे बुर में अंदर गया मैं चिल्ला पड़ी।
तो सर ने मेरे होठो को अपने होठो से जकड़ लिया.. और धीरे धीरे डालने लगे..
ऐसा लग रहा था कि कोई चाकू से फाड़ रहा है लेकिन सर मेरे होठो को दबाए हुए मेरे चुचियो को भी मसल रहे थे।
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जब पूरा लंड अंदर चला गया तो सर ने मेरा होठ छोड़ दिये।
लेकिन मेरी आँखों मे आँसू थे .. फिर थोड़ी देर तक सर मेरी चुचियो को पीते रहे है और मुझसे बात करते रहे कि कैसा लग रहा है..
थोड़ी देर में मैं फिर उतेजित हो गयी..
तभी सर ने अपना लंड निकाला और झटके से पूरा डाल दिया और झटके मारने लगे ..
अब मैं मस्ती में आ गयी और सर के कमर को पैरो से जकड़ लिया और सर के सीने को सहला रही थी..
सर की स्पीड तेज हुई तो मजा भी ज्यादा हुआ.. अब मैं नीचे से कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी और बोल रही थी कि सर और तेज चोदो आप तो बोल रहे थे फाड़ देंगे तो फाड़िये न मेरी बुर..
सर मेरी उकसाने से और कस कर मार रहे थे..
फिर दोनों पैरों को कंधे पर रख कर शॉट मारा मेरी तो चीख निकल गयी..
15 मिन तक लगातार चोदते रहे सर … 2 बार पानी निकल चुका था..
अब सर का निकलने वाला था।
सर की स्पीड तेज होती जा रही थी..
फिर उन्होंने पूछा कि पानी कहा निकालू …
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मैंने कहा अंदर निकालिये इसी लिए तो कंडोम नही पहनने दिया।
फिर सर अंदर ही ढेर हो गए।
ये अचानक हुआ लेकिन मुझे बहुत मजा आया।
इसके बाद मैने बहुत लोगो से चुदाई करवाई लेकिन अब भी जब इस चुदाई की याद आती है तो जिस्म सिहर जाता है।
रात भर सर रूम में रहे और मुझे चोदते रहे..
सुबह रेनू मिली तो आंख मार के पूछा कहा थी रात भर..
मैने हंस कर कहा सुहागरात मना रही थी।