अंकिता के पति ने चार पेग बनाए और हमें भी पकड़ा दिये। उस दिन पहली बार मैंने विहस्की पी… पी क्या बस अंदर उड़ेल दी।
थोड़ी देर बाद ही जैसे जिस्म में से गर्मी फूट पड़ी हो।
तब मेरे पति ने कहा- चलो अब शुरू करते हैं, सबसे पहले अंकिता मेरे पास आ कर बैठेगी और मैं अपने नए पार्टनर के पास! अभी सिर्फ बात करने की, छूने की, किस करने की पर्मिशन है।
Antarvasna Biwi ki adla badli – मेरी जूनियर क्या मस्त माल है
अंकिता उठी और जाकर मेरे पति के पास बैठ गई, मैं भी उठ कर राजेश के पास बैठ गई।
मेरे दिल में तो बहुत ही धक धक हो रही थी, आज पहली बार मैं राजेश के इतनी नजदीक बैठी थी और सोच रही थी सबसे पहले ये क्या करेगा, मुझे चूमेगा, या मेरे बूब्स दबाएगा?
मगर राजेश ने मुझे कहा- राधा, अगर आप मेरी गोद में बैठ जाओ, तो मुझे ज़्यादा अच्छा लगेगा।
मैं उठ कर उसकी गोद में बैठ गई, तो उसने मुझे अपने हिसाब से सेट कर लिया। मैंने अपनी जांघ के नीचे उसके तने हुये लंड को महसूस किया।
उसने मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कंधे से नीचे गिरा दिया, मैं अब स्लीवलेस ब्लाउज़ में उसके सामने थी और मेरे लो कट ब्लाउज़ से मेरा बड़ा सा क्लीवेज भी दिख रहा था।
मुझे शर्म सी आई, मगर राजेश बोला- वाह, क्या मस्त चूची है।कह कर उसने ब्लाउज़ के ऊपर से ही मेरे बूब को पकड़ा।
सच में मन में एक खुशी की तरंग दौड़ी, मेरे पसंदीदा मर्द, जिसपे मैं दिल ही दिल में मरती थी, आज मैं उसकी गोद में बैठी थी और वो थोड़ी ही देर में मेरे हुस्न के जलवे लूटेगा।
मुझे हल्की सी सिरहन सी हुई, मेरे दिल में उसको चूमने की ख़्वाहिश जागी तो मैं खुद थोड़ा नीचे को झुकी, उसकी ठोड़ी को ऊंचा उठाया और अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिये, आज तक ऐसा चुम्मा मैंने अपने पति को भी नहीं दिया था, मगर राजेश को मैंने खुद चूमा।
उसने भी मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसा, और मेरे सभी गुप्तांगों में झनझनाहट सी हुई।
Antarvasna Biwi ki adla badli – शादी में मेरी पहली चुदाई
उसने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू किए, मैं बड़े आराम से बैठी उसको सहयोग कर रही थी कि ले खोल ले मेरा ब्लाउज़ और देख मेरे बोबे… मैं कुछ ज़्यादा ही बेशर्म सी हो रही थी।
मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलने के बाद राजेश ने मेरे दोनों बूब्स को पकड़ा और ऊपर को उठाया, जिससे मेरे बूब्स का क्लीवेज मेरे गले तक आ गया- ओह राधा, मेरी जान, कितने विशाल बूब्स है तुम्हारे! कह कर राजेश ने मेरे क्लीवेज को चूमा और क्लीवेज में अपनी जीभ डाल कर चाट गया।
मैंने उसके सर के बालों में अपना हाथ फिराया, वो वैसे ही मेरे बूब्स से खेलता रहा, चूमते चाटते उसने मेरे दोनों बूब्स मेरे ब्रा से भी बाहर निकाल लिए, और बारी बारी से दोनों निप्पलों को अपने मुंह में लेकर चूसा और बूब्स चुसवाना तो मुझे मस्त कर देता है।
मैंने अपना ब्लाउज़ और ब्रा दोनों उतार कर रख दिये, अपने गले से मैंने अपना मंगल सूत्र, और माला वगैरह भी उतार दिये, ताकि राजेश को मेरे बूब्स से खेलने में कोई दिक्कत न हो।
बूब्स चूसने के बाद राजेश ने मेरी साड़ी को ऊपर उठाया और मेरी जांघों तक उठा दिया, मेरी दोनों चिकनी जांघों को सहला कर बोला- राधा तुम बहुत सेक्सी हो, आज मजा आ जाएगा तुम्हें चोद कर!
मैं मुस्कुरा दी- राजेश , मैं भी उस घड़ी का इंतज़ार कर रही हूँ।
मैंने कहा तो राजेश ने मुझे उठाया और खड़ी करके मेरी साड़ी और पेटीकोट दोनों खोल दिये, अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, मगर मुझे इसमें कोई शर्म महसूस नहीं हो रही थी।
मैंने भी उसकी टीशर्ट उतारी, नीचे से उसने कोई बनियान नहीं पहनी थी, सीने पे हल्के बाल थे। फिर मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी बेल्ट खोली, फिर जीन्स की हुक और ज़िप खोली और उसकी पैंट उतार दी।
चड्डी में से उसका तना हुआ लंड चमक रहा था।
Antarvasna Biwi ki adla badli – अजनबी लड़के ने टाँगें उठा कर चोदा
मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी, मोटा काला, लंड मेरे सामने प्रकट हुआ, मेरे चेहरे के बिल्कुल पास, उसके लंड की गंध मेरी साँसों में आई, राजेश ने मेरा सर पकड़ा और अपना लंड मेरे होंठों से लगा दिया।
मैंने भी अपने होंठ खोल कर जितना हो सकता था, उसका लंड अपने मुंह में ले लिया। पहले तो राजेश खड़ा था, फिर वो बैठ गया, मैं उसकी गोद में सर रख कर उसका लंड चूसने लगी।
तभी मेरे पति की आवाज़ आई- अरे राधा, ऐसे तो कभी तुमने मेरा भी नहीं चूसा?
मैंने सर उठा कर देखा, अरे इन लोगों को तो मैं भूल ही गई थी कि ये दोनों भी उसी रूम में हैं। मेरे पति भी बिल्कुल नंगे और अंकिता भी बिल्कुल नंगी, दोनों 69 की पोजीशन में एक दूसरे के लंड चूत चूस रहे थे।
मैंने कहा- आज मत पूछो, आज मैं अपने बस में नहीं, मुझे नहीं पता, क्या हो रहा है, क्या मैं कर रही हूँ।कह कर मैं फिर से राजेश का लंड चूसने लगी।
फिर अंकिता की आवाज़ आई- क्या आप मेरी गांड चाटेंगे?तो मेरे पति ने ‘बड़ी खुशी से…’ कहा।
राजेश ने भी मुझे उसके आँड चाटने को कहा। मैंने बारी बारी से उसके दोनों आँड अपने मुंह में लेकर चूसे, और उसकी गांड तक अपनी जीभ से चाट गई।
अब राजेश ने मुझे खड़ा किया, खुद नीचे फर्श पे लेट गया और बोला- राधा, मेरे मुंह पर बैठ जाओ।
मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी, तो वो अपनी जीभ से मेरी नंगी चूत और गांड सब चाट गया, जब मुझे मजा आया तो मैं भी आगे को झुक गई और खुद उसका लंड पकड़ कर चूसने लगी।
Antarvasna Biwi ki adla badli – भाभी ने चोदना सिखाया
मैं शायद ज़्यादा ही उत्तेजित हो रही थी, इसीलिए राजेश की 2 मिनट की चूत चटाई से ही मैं तो स्खलित हो गई, मगर राजेश फिर भी मेरी चूत चाटता रहा।
मैंने ही उसे रोका- बस करो राजेश , मेरा तो हो गया।
‘अरे इतनी जल्दी?’ राजेश बोला।
मैंने कहा- हाँ, मैं तुम्हारे स्पर्श से ही रोमांचित हो उठी थी, इसी लिए जल्दी झड़ गई, अब तुम ऊपर आ जाओ।
राजेश ने मुझे सीधा करके नीचे कालीन पर ही लिटा लिया और मेरे ऊपर आ कर लेट गया, मैंने अपनी दोनों टाँगें ऊपर हवा में उठा ली। राजेश ने अपना लंड मेरी नंगी चूत पे रखा और अंदर डाला।
आँखें बंद करके मैं राजेश के जिस्म को अपने जिस्म में समाने का आनन्द ले रही थी कि राजेश बोला- आँखें खोलो राधा!
मैंने आँखें खोली, राजेश बोला- आँखें बंद मत करो, बल्कि मुझे खुद को चोदते हुये देखो, इस एक एक क्षण को अपनी यादाश्त में बसा लो कि कैसे मैंने तुम्हारे साथ संभोग किया।
मैंने अपने दोनों हाथ राजेश की कमर पे रखे, जब वो आगे को धक्का मार के अपना लंड मेरी चूत में डालता तो मैं भी अपनी कमर ऊपर को उठा कर उसको अपने अंदर लेती।
एक एक धक्के से मुझे सौ सौ बार आनन्द का एहसास होता। राजेश का लंड भी तगड़ा था और वो खुद भी!
2 मिनट की चुदाई के बाद राजेश ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसके बाद उसी स्पीड से वो लगातार मेरी चुदाई करता रहा, मैं नीचे लेटी बस ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म’ करती रही।
मैंने दूसरी तरफ देखा, मेरे पति भी अंकिता को चोद रहे थे, उनके चेहरे की खुशी बता रही थी कि वो कितने खुश थे अंकिता को चोद कर, मगर मेरी खुशी मेरे मन में थी।
Antarvasna Biwi ki adla badli – कुसुम की झांट की सफाई
थोड़ी देर बाद राजेश ने मुझे घोड़ी बना दिया, घोड़ी बना कर उसका लंड मेरी चूत में और भी टाइट हो कर गया जिसमें उसको और मुझे ज़्यादा आनन्द आया।
‘ओह राधा, तुम्हारी चूत तो एकदम किसी कुँवारी लड़की की तरह टाइट है, क्या तुम्हारा पति तुम्हें अच्छे से नहीं चोदता?’ मैं उसकी बात का मतलब समझ गई कि वो मजा लेना चाहता है, मैंने जवाब दिया- अरे कहाँ यार, सारी रात नंगी चूत में उंगली ले कर सोती हूँ, मुझे तो आज तुमसे संभोग का चरम सुख प्राप्त हुआ है, और ज़ोर लगाओ, जान निकाल दो मेरी, मार डालो मुझे!
राजेश ने और ज़ोर से धक्के मारे, तो उसका लंड मेरे पेट के अंदर तक ठा… ठा… बज रहा था।
मेरी बात सुन कर मेरे पति भी बोले- अरे अंकिता मेरी जान, क्या मस्त माल हो तुम, मेरी बीवी तो तुम्हारे आगे कुछ भी नहीं, क्या बोबे है तेरे, क्या मस्त गांड है, और तेरी चूत भी कितनी टाइट है, अगर तू मेरे मुंह पर अपनी नंगी चूत रख कर पेशाब भी कर दे न, तो जानेमन, तेरा पेशाब भी पी जाऊँ मैं! फिर मेरी तरफ देख कर हँसे। मैं भी मुस्कुरा दी।
कोई 10 मिनट तक यह चुदाई का खेल चला। पहले मेरे पति झड़े, उन्होंने अपना सारा माल अंकिता की गांड पर गिराया, फिर राजेश झड़ा, उसने अपना सारा माल मेरे मुंह पर गिराया, थोड़ा सा मुझे चटवाया भी!
करीब आधे घंटे बाद हमने एक बार फिर से यही खेल खेला। इस बार हम दोनों औरतें साथ साथ लेटी थी और दोनों मर्दों ने हमें एक साथ अदल बदल कर चोदा, दोनों को घोड़ी बना, एक दूसरे के मुंह से मुंह जोड़ कर चोदा।
पहली बार मैंने किसी औरत के साथ होंठों के चुंबन लिए दिये, पहली बार किसी औरत के सेक्स सम्बन्धों में बोबे चूसे और चुसवाए। सच में ये सब भी बहुत रोमांचकारी था।
इस बार दोनों मर्दों ने खूब वक़्त लिया और हम दोनों औरतों की खूब तसल्ली करवाई और जब दोनों मर्द झड़े तो दोनों औरतों के मुंह पे एक साथ हाथ से मुट्ठ मार कर झड़े, दोनों मर्दों का मिक्स वीर्य हम दोनों औरतों के मुंह पे, मुंह के अंदर, बालों में और बोबों पर फैला था जिसे मैंने और अंकिता ने राजेश के कहने पर एक दूसरे के बदन से चाट चाट कर खाया और एक दूसरे के बदन को चाट कर साफ किया और दोनों मर्दों के लंड भी अपने मुंह में लेकर चूस कर चाट कर साफ किया।
Antarvasna Biwi ki adla badli – तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत
उसके बाद चारों नहाने गए और एक साथ नंगे नहाये, एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाया, बदन को सहलाया और फिर चारों ने एक दूसरे के बदनों को तौलिये से सुखाया भी!
इस सब में हमें इतना मजा आया कि हमारे ऐसे ही और मजा लेने का दिल कर रहा था।
पर हर चीज़ को खत्म तो होने ही होता है, जाते हुए राजेश ने पूछा- अरे भाई साहब क्या मैं आपकी पत्नी को अपनी मर्ज़ी से कभी भी चोद सकता हूँ?
मेरे पति बोले- क्यों नहीं, जब चाहे आओ और जो मर्ज़ी करो, बस इतना खयाल रखना मैं अपना बदला ब्याज़ सहित लूँगा।
हम सब हंस पड़े और राजेश और अंकिता अपने घर चले गए। आज हमारे रिश्ते को डेढ़ साल हो गया है और हम सब आज भी वैसे ही अक्सर सेक्स पार्टीज़ करते हैं, ज़िंदगी का मजा लूटते हैं।