लगभग दस मिनट के बाद मैं नीचे हॉल में पहुँचा और रीना को आवाज दी- भाभी, कहाँ हैं आप?
अन्दर से आवाज आई- मैं यहाँ हूँ, आप आ जाओ !
मैं भाभी के बेडरूम में पहुँचा और कूलर को फिट करना शुरु किया, कूलर फिट करते-करते मैं भाभी के साड़ी में ढके हुए ब्लाउज के उभार देख रहा था, ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है। , आज बड़े ही उठे-उठे दिख रहे थे !
कूलर अब तक फिट हो चुका था, अब बस उसे उठा कर स्टैंड पर खिड़की में लगाना था !
मैंने भाभी को एक हाथ लगाने को बोला और कूलर को उठाना शुरु किया। भाभी की ताक़त कम होने की वजह से कूलर ठीक से उठ नहीं रहा था।
अब मैंने एक साइड से अपना एक हाथ और दूसरा हाथ से भाभी के पीछे से कूलर को उठा रहा था, भाभी साड़ी पहनी हुई थी जिसकी वजह से मेरा हाथ बारबार उनकी पीठ को रगड़ रहा था या बोलो कि मैं जानबूझ कर रगड़ रहा था।
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रीना का स्पर्श होने की वजह से मेरी पैंट में तम्बू बनने की शुरुआत हो गई थी और अच्छा खासा तम्बू बन भी चुका था।
कूलर हम दोनों ने मिल कर स्टैंड पर रख दिया पर कूलर को छोड़ कर रीना पलटने लगी तो वैसे ही उनका बैलेंस बिगड़ गया और मेरे शरीर पर आ गई !
मैं रीना को गिरने देने वाला नहीं था इसीलिए मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और वो संभल
गई।
मैं अभी भी रीना को पकड़े हुए था, बोला- भाभी, क्या हो गया अचानक आपको?
रीना- कुछ नहीं, बस बैलेंस बिगड़ गया !
हम ये बातें कर रहे थे लेकिन इधर मेरा तम्बू रीना के गांड से सटा हुआ था। मैं हौले-हौले अपना तम्बू रीना की गाण्ड से रगड़ रहा था !
जैसे ही रीना को मेरे लंड का अहसास हुआ तो वो मुझसे दूर हो गई और बोली- अन्दर चलिए, मैं आपके लिए चाय बनाती हूँ !
मैं फिर से अपना खड़ा लंड लेकर रीना के बेडरूम में आया और कूलर चालू करके बैठ गया !
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उधर रीना रसोई में मेरे लिए चाय बना रही थी ! ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है। मेरे अन्दर वासना भड़क चुकी थी अब बस मैं रीना को चोदने के बारे में ही सोच रहा था, मुझे रीना चोदने देगी या नहीं पता नहीं लेकिन इस काले मोटे 7″ के लंड का क्या? इसे तो शांत करना ही पड़ेगा।
मुझे मालूम था कि चाय बनाने में करीब दस मिनट तो लग ही जायेंगे !
मैं रीना के बेडरूम में छानबीन करने लगा तो मुझे उसकी ब्रा और चड्डी दिखाई दी !
मैंने उसे उठा लिया और सूंघा तो उसमें से बढ़िया सी भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी।
मैं इतना बेखबर हो गया कि मुझे याद ही नहीं रहा कि घर में भी कोई है यानि रीना !
मैं अपनी मदहोशी में गहराता जा रहा था और इसी मदहोसी में मैंने अपनी पैंट की चेन खोली, चड्डी से अपना लंड निकला जो अब पूरी तरह से 7″ का बन गया था, रीना की चड्डी और ब्रा को अपने लंड के मुँह पर रख कर मैंने मुठ मारनी शुरु कर दी।
मैं अपनी आँखें बंद करके रीना को सोच-सोच कर जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था।
लगभग 5 मिनट के बाद मेरा पूरा पानी रीना की ब्रा और चड्डी पर गिर गया और तब मैंने अपनी आँखें खोली तो अपने सामने रीना को खड़ा पाकर मेरे होशोहवास उड़ गए !
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मैं- सॉरी भाभी !
रीना हँसते हुए- क्या सॉरी, आपने मेरी चड्डी और ब्रा दोनों गन्दी कर दी ! ऐसा कोई करता है क्या? आपको ये सब करना ही था तो मुझे क्यों नहीं बोल दिया?
रीना के इतना बोलते ही मैंने उसको अपने बाँहों में पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा ! वो भी मुझे एक प्यासी औरत की तरह चूम रही थी !
मैंने उसके साड़ी को निकाल फेंका और उसके दोनों आमों को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने, काटने लगा।
मुठ मारने की वजह से मेरा लंड ढीला हो गया था लेकिन रीना के स्पर्श से फिर से उसमें जान आ रही थी !
लगभग 5 मिनट के बाद मैंने रीना को अपने सामने खड़ा करके उसकी गांड से अपना लंड चिपका दिया और होंठों से उसकी गर्दन, कानों को चूम रहा था।
इधर दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियाँ मसल रहा था !
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