कुछ दिन पहले, मेरे फ्रेंड के घर में मैरिज थी. रात को मैरिज हॉल में, मैं पहले ही पहुच गया था. बारात आने को अभी आधा घंटा था. जैसे ही बारात आई, मैं बाहर देखने गया. मेरे फ्रेंड के ब्रदर की शादी थी. दोस्त भांगड़ा मार रहा था. वोजब रुका, तो मैं उसके पास गया और उसे मुबारकबाद दी.
फिर हम जब हॉल में इंटर करने लगे. तो मैंने देखा, कि मुझे एक औरत बड़ी अजीब सी निगाहों से देख रही थी. जैसे वो मुझे कब से जानती हो. दिखने में बहुत खुबसूरत थी. और सेक्सी भी लग रही थी. सर्दी का मौसम था. मैंने जाकेट और उसने एक पतला सा सूट पहना हुआ था.
जिसमे से उसके बूब्स के पार्ट्स साफ़ नज़र आ रहे थे. उसने ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी पहनी हुई थी. मैं थोडा आगे गया, तो वो मुझे पलटकर देखने लगी.मुझे कुछ अजीब सा लगा.
मैंने दोस्त से कहा – यार, वो औरत मुझे अजीब सी तरह से देख रही है.
उसने कहा – ऐसा कुछ नहीं है. कुछ गलती लगी होगी. मैंने फिर इग्नोर कर दिया.
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पर, फिर दिल में आया, कि कुछ तो चाहती है वो. मैं फिर जब पलटा, तो वो मुझे ही देख रही थी. अब मुझसे नहीं रहा गया और मैंने उसे इशारा किया और उसे साइड पर आने को कहा. मैं साइड में चला गया और मौका देखकर वो भी मेरे पास चली आई.
मैंने उससे पूछा, आप मुझे जानते हो?
उसने कहा – नहीं, मैं आपको नहीं जाती.
मैंने कहा – तुम मुझे बहुत देर से देख रही हो?
उसने कहा – मुझे ऐसा लगा, कि मैं शायद आपको जानती हु.
इलसिए, मैं मजाक में बात ले गया.
मैंने कहा, चलो अब जान लो. मेरा नाम साहिल है.
उसने अपना नाम शालू बताया.
मैंने कहा – तुम बहुत खुबसूरत हो. मुझसे दोस्ती करोगी?
उसने कहा – ओके. बट, मैं डीवोर्सी हु.
मैं चौका, क्योंकि उसे देखकर लग ही नहीं रहा था, कि वो शादीशुदा औरत है. फिगर भी जबरदस्त था ३६-२८-३८ का.
मैंने उससे नंबर मनागा और उसने दे दिया.
मैंने उससे कहा, मुझे तुमसे कोई बात करनी है. पर यहाँ नहीं, हॉल के बेकसाइड जा रहा हु. तुम मुझे वहां मिलो.
मैं बेकसाइड में चला गया. वो भी मौका देखकर बेकसाइड में आ गयी.
उसने कहा – हाँ बोलो, क्या बात करनी है.
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मैंने कहा – जब तुम मुझे देख रही थी, तो मुझे बड़ा अजीब सा लगा था और फील हुआ था. तुम बहुत सेक्सी हो. मैं तुम्हे अपना दोस्त बनाना चाहता हु. क्या मेरी दोस्त बनोगी?
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
उसने कहा – ओके साहिल.
उसके ओके कहते ही, मैंने उसे हग कर ली और कहा – थैंक्स शालू.
उसने भी मुझे हग किया. उसके बदन पर हाथ सहलाने लगा. जो शायद उसे भी अच्छा लग रहा था. उसने कुछ नहीं कहा और नहीं ही मुझे रोका. मेरी हिम्मत हो बढ़ गयी और मैंने उसे और कसकर पकड़ लिया और फिर उसकी पीठ को सहलाने लगा.
शालू ने कहा – छोड़ो साहिल, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा – कुछ नहीं, बस मिलने का अहसास कर रहा हु. क्या तुम्हे अच्छा नहीं लग रहा?
उसने कहा – अच्छा तो लग रहा है. पर ये जगह ठीक नहीं है. कोई आ गया, तो क्या होगा?
मैंने कहा – कोई नहीं आएगा.
मैंने उसे रगड़ना शुरू कर दिया.
वो मदहोश होने लगी और कहने लगी .. प्लीज साहिल छोड़ो मुझे. कोई आ जाएगा.
मैंने कहा – अच्छा, एक शर्त पर.. मैं अभी तुम्हे यहीं पर चोदुंगा..
उसने कहा – नहीं, नहीं… यहाँ नहीं. प्रॉब्लम हो जायेगी.
मैंने कहा – अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी, तो मैं जबरदस्त करूँगा. चल अपनी सलवार उतार. काले रंग की पेंटी उतार.
उसने कहा – तुम्हे कैसे पता, कि मैंने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी है….
मैंने कहा – शालू, जो तुमने ड्रेस पहनी है, उसमे से तुम्हारी काली ब्रा और पेंटी साफ़ दिखाई दे रही है.
उसने कहा – तुम बहुत बेशर्म हो.
मैंने कहा – अब ड्रामे ना कर, जल्दी से खोल.
उसने कहा – प्लीज यार, यहाँ नहीं.
मैंने झटके से उतार दिया और उसकी सलवार का नाडा खोल दिया. उसकी कच्छी को नीचे कर दिया और उसे घोड़ी बनने को बोला.
वो नहीं बन रही थी.
मैंने झटके से उसको कमर से पकड़कर झुकाया और पीछे से उसकी चूत पर अपना लंड टिकाया.
उसे लगा, जैसे कोई मोटी सी रोड उसकी चूत में अटक गयी हो. उसने हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़ा तो चौक गयी. इससे पहले वो संभालती, मैंने उसकी कमर को कसके पकड़ लिया और एक और झटका जोर का लगाया और अपना लंड उसकी टाइट चूत में घुसा दिया.
उसकी चीख निकल गयी. आहाहहः अहहहः अहहहः ओह्होहोहोहोहूह…
मैंने झट से एक हाथ से उसका मुह कर दिया और वो अपने को छुड़ाने की कोशिश करने लगी. पर नाकामयाब रही. मैंने अपने धक्के जारी रखे.
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थोड़ी ही देर में, उसे मजा आने लगा और वो मेरे हर धक्के का साथ देने का साथ देने लगी.
मुझे भी मज़ा आ रहा था.मैंने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे कसकर धक्के लगाता रहा.
कुछ ही देर में उसने कहा; कि वो झड़ने वाली है.
मैं रुक गया और अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया.
उसने पीछे मुड़कर देखा और बोली क्या हुआ, रुक क्यों गये?
मैंने कहा – मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है और उसका पानी चाटना है.
उसने कहा – क्या?
मैं वैसे ही नीचे बैठ गया और पीछे से उसकी चूत को चाटने लगा.
मैं अपनी जीभ उसकी फुद्दी में घुसाकर उसे चोदने लगा.
मेरा ऐसा करने से उसे बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा था. और उसने मेरा सर पकड़ा और अपनी चूत पर दबाने लगी.
उसने कहा – मैं झड़ने वाली हु.
मैंने कहा – कॉम ओन, शालू. मेरे मुह में झाड़ना.
उसने जोर की आवाज़ निकाली… और अहहहः आआआआआअ मुह्ह्ह्हह्ह्ह मर गयीईईईईईइ…. मैं झड़ रही हु… अहहहः और वो झड़ गयी.
मैंने उसकी चूत को चाट- चाट कर साफ़ कर दिया.
मैं उसके बम पर स्लेप मार रहा था और कहा रहा था –शालू, मज़ा आ गया. तेरी चूत का स्वाद बहुत अच्छा है.
उसने अपने कपड़े ठीक किये और बोली – तुमने तो मुझे पहली ही मुलाकात में अपना बना लिया.
मैंने कहा – ऐसा ही मैं तुझे क्या क्या मज़ा देता हु, देखती जा.
काफी टाइम हो गया था.
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उसने कहा – अब मुझे जाना है. काफी टाइम हो गया. सब ढूढ़ रहे होने.
मै कहा – ओके. मैं तुम्हे कॉल करूँगा, अगला प्रोग्राम सेट करने के लिए.
उसने मेरे गाल पर चूमा और कहा – कोई बात नहीं, साहिल.
वो चली गयी.
मेरा लंड खड़ा था.
मुझे मुठ मारकार अपना लंड शांत करना पड़ा और फिर मैं भी वापिस हॉल में आ गया.
शादी का फंशन ख़तम होते ही, मैं घर चले आया.