भाभी की रसीली चूत | Hindi Sex Stories

भाभी की रसीली चूत

Antarvasna, kamukta: मोहन का फोन मुझे आता है और कहता है कि गगन तुम भैया की शादी में तो आ रहे हो ना मैंने मोहन को कहा क्यों नहीं मैं जरूर आऊंगा। मोहन मेरा बचपन का दोस्त है और अब वह लोग इंदौर में रहते हैं पहले मोहन हमारे पड़ोस में ही रहा करता था उसके पिताजी का ट्रांसफर जब इंदौर हुआ तो उसके बाद उन लोगों ने इंदौर में ही सेटल होने का सोच लिया और वह लोग इंदौर में ही रहने लगे। मोहन से मेरी फोन पर अक्सर बात होती रहती है मोहन और मैं अभी भी वैसे ही बात किया करते हैं जैसे कि हम लोग पहले बात किया करते थे। मोहन को हमारी कॉलोनी की एक लड़की बड़ी पसन्द थी लेकिन मोहन को वह घास ही नहीं डालती थी मोहन ने भी उससे बात की परंतु उनकी दाल नहीं गली आखिरकार मोहन को थक हार कर उसका पीछा छोड़ ना ही पड़ा।
मैं और मोहन अक्सर एक दूसरे से इस बारे में बात करते रहते हैं जब भी मैं मोहन को आशा की याद दिलाता हूं तो वह कहता है कि यार अब वह दिन मुझे याद मत दिलाया करो। मोहन ने अब अपना ही बिजनेस शुरू कर लिया है और वह आपने मौसेरे भाई के साथ में काम कर रहा है वह दोनों मिलकर एक कंपनी चला रहे हैं मुझे इस बात की भी खुशी है कि मोहन अब पहले जैसा बिल्कुल भी नहीं है वह पूरी तरीके से बदल चुका है। मुझे वह दिन याद है जब मोहन ने मेरी मदद की थी वह हमेशा ही मेरी मदद के लिए सबसे आगे रहता है। जब भी मेरी मोहन से बात होती तो मुझे वह पुराने दिन याद आ जाते जब हम लोग मस्ती किया करते थे और मोहन हमेशा ही मेरा साथ दिया करता था। हम दोनों की कॉलेज की पढ़ाई साथ ही हुई थी लेकिन इस बात को करीब 8 वर्ष बीत चुके हैं और 8 वर्षों में सब कुछ बदल चुका है मैं एक कंपनी में अब अच्छे पद पर हूं और मोहन का बिजनेस भी अच्छा चल रहा है। मोहन ने अपने बिजनेस को चलाने के लिए ना जाने क्या कुछ नहीं किया मोहन आर्थिक रूप से भी परेशान था लेकिन उस वक्त मैंने मोहन की मदद की थी क्योंकि मोहन ने भी हमेशा मेरी मदद की है और मैं चाहता था कि जब भी मुझे ऐसा मौका मिले तो मैं मोहन की मदद सरूर करूं।
मोहन एक स्वाभिमानी व्यक्ति है इसलिए उसने मुझसे मदद नहीं मांगी लेकिन उसकी छोटी बहन जिसकी फिलहाल शादी हो चुकी है उसने ही मुझे मोहन की परेशानी के बारे में बताया तो मैंने तुरंत ही उसकी मदद की। हालांकि वह इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं था लेकिन मैंने उसे कहा कि मोहन जब मुझे भी तुम्हारी जरूरत थी तो तुमने भी मेरी मदद की थी तो मोहन मेरी बात मान गया। मैं बहुत खुश था कि मैं इंदौर जाने वाला हूं और मैं मोहन के बड़े भैया की शादी में शरीक होने वाला था मैं ट्रेन से ही इंदौर के लिए निकल चुका था मैं ट्रेन में बैठा हुआ था तो मोहन का मुझे फोन आया और कहने लगा कि गगन तुम निकल तो गए हो ना। मैंने उसे कहा हां मैं ट्रेन में ही बैठा हुआ हूं बस ट्रेन थोड़ी देर बाद चलने वाली है मोहन और मैं आपस में बात कर रहे थे कि थोड़ी देर बाद एक सज्जन आकर मेरे पास बैठे। मैंने मोहन से कहा मोहन मैं तुमसे थोड़ी देर बाद बात करता हूं अभी नेटवर्क का प्रॉब्लम आ रहा है मेरे मोबाइल में बैटरी भी कम थी तो मैंने सोचा अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा देता हूं। मैंने चार्जिंग पर अपने मोबाइल को लगाया सामने ही बैठे हुए सज्जन ने पूछा कि क्या आप भी इंदौर जा रहे हैं तो मैंने उन्हें कहा हां साहब मैं इंदौर जा रहा हूं। हम लोग बात करने लगे उनके साथ मुझे पता ही नहीं चला कि कब समय बिता चला गया और कब इंदौर आ गया उनकी बातों से मैं बड़ा प्रभावित हुआ और उन्होंने रास्ते में बिल्कुल बोर नहीं होने दिया। जब मैं इंदौर पहुंचा तो मैंने स्टेशन से ऑटो लिया और उनके बताए हुए पते पर मैं पहुंचा, जैसे ही मैं वहां पहुंचा तो मोहन ने मुझे देखा मोहन बहुत खुश हुआ और मोहन ने मुस्कराते हुए कहा तुम से कितने समय बाद मुलाकात हो रही है। मैंने उसे कहा कम से कम इस बहाने हम लोगों की मुलाकात हो रही है तुमने तो आना ही छोड़ दिया है। मोहन मुझे कहने लगा कि गगन तुम्हे पता ही है कि मैं अपने काम के चलते कितना परेशान था लेकिन अब जाकर अच्छा चलने लगा है और मैं अपने काम पर पूरा ध्यान दे रहा हूं इसी बीच भैया की शादी तय हुई तो मैंने सोचा इस बहाने कम से कम तुमसे मुलाकात हो जाएगी मोहन ने मुझे कहा चलो मैं तुम्हे पापा मम्मी से मिलवाता हूं।
मैं जब उनसे मिला तो वह मुझसे मिलकर खुश हो गए और कहने लगे कि क्या अब भी तुम पहले जैसी ही शरारती हो या बदल चुके हो। अंकल हमेशा ही मुझे इस बात को लेकर डांटते रहते थे कि तुम लोग कब जिम्मेदार होंगे लेकिन उन्होंने मुझे देखा तो उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा मुझे बड़ी खुशी है कि तुम अब जिम्मेदार हो गए हो तुम्हारी बातों से मुझे लग रहा है कि तुम एक जिम्मेदार इंसान बन चुके हो। मैंने अंकल को कहा अंकल समय के साथ तो जिम्मेदारी कंधों पर आ ही जाती है अंकल वह कहने लगे कि बेटा घर में पापा मम्मी कैसे हैं तो मैंने उन्हें बताया वह लोग तो अच्छे हैं और जब मैंने उन्हें यह बताया कि मैं मोहन के भैया की शादी में जा रहा हूं तो वह लोग बड़े खुश हुए और आपको वह बहुत याद कर रहे थे आपकी हमेशा ही पापा बात किया करते हैं। अंकल भी मेरी बातों से भावुक हो गए और अपने कुछ पुराने दिनों की बात वह करने लगे। काफी साल तक वह लोग भी जयपुर में रह रहे थे लेकिन जब से वह इंदौर गए हैं तब से उन लोगों का जयपुर आना हुआ ही नहीं। मोहन ने मुझे कहा चलो गगन तुम अपना सामान रख दो मैंने मोहन को कहा ठीक है।
मोहन ने अपने रूम में मेरा सामान रखवा दिया कुछ देर तो हम लोग साथ में बैठे रहे फिर मोहन मुझे कहने लगा कि चलो मैं तुम्हें अपने कुछ दोस्तों से मिलवाता हूं। मोहन ने मुझे अपने कुछ दोस्तों से मिलवाया जो कि इंदौर के ही रहने वाले थे मोहन के भैया की शादी की तैयारी लगभग हो चुकी थी और जब मोहन के भैया को समय मिला तो मैंने उन्हें शादी की बधाई दी और कहा भैया आप भी अब शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। वह मुझे कहने लगे कि गगन कभी ना कभी तो शादी के बंधन में बंधना ही था तो सोचा समय से शादी कर लेते हैं। भैया बड़े ही मजाकिया किस्म के हैं और उनके साथ काफी देर तक मेरी बात हुई। मोहन मुझे कहने लगा कि आओ मैं तुम्हें अपने पड़ोसियों से मिलाता हूं? उसने मुझे जब अपने पड़ोस में रहने वाले सुजीत भैया से मिलाया मुझे उनसे मिलकर अच्छा लगा। हम लोग उनसे बात कर ही रहे थे कि उनकी पत्नी आगे से हमारी तरफ आई वह हमारे साथ बात करने लगी मैं उनकी तरफ देखता उनकी नशीली आंखें मुझे देख रही थी मैं उन्हें देख कर बड़ा खुश हो गया  मैंने मोहन से पूछा भाभी जी का क्या नाम है? वह कहने लगा भाभी जी का नाम तो कोमल है कोमल भाभी जी के कोमल बदन को देखने के लिए मैं तरस रहा था। शादी के दौरान ही उनसे मेरी अच्छी बनने लगी थी उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा आप बड़े अच्छे दिखते हैं और मैं कंधे पर हाथ रख दिया। मैंने उन्हें कहा भाभी जी कभी हमे भी तो मौका दीजिए। उन्होंने मुझे कहा लगता है आपको भी मौका देना पड़ेगा उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने साथ ले गई। उन्होंने मुझसे कहा अभी मेरे पति घर पर नहीं है चलो जल्दी से घर पर हो आते हैं। मैं भाभी जी के साथ घर पर चला गया हम दोनों ने एक दूसरे के साथ चुम्मा चाटी शुरू कर दी हम दोनों अपने आपको रोक ना सके। मैं कोमल भाभी के होठों को चूमता तो मुझे बड़ा मजा आता मुझे उनके रसीले और गुलाब होंठो को चूसने में बड़ा मजा आता मैंने उनके होठों को मजा अच्छे से लिया मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड खड़ा हो चुका था।
मैंने भाभी जी से कहा मै रह नहीं पाऊंगा उन्होने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए हिलाना शुरू किया जब वह मेरे लंड को हिलाती तो मुझे बहुत मजा आता उन्होंने अपने मुंह के अंदर तक मेरे लंड को लिया। मैंने उन्हें कहा थोड़ा और अंदर ले लीजिए उन्होंने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड का रसपान करने लगी। बहुत देर तक उन्होंने मेरे लंड का रसपान किया मै पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका। मैंने भाभी जी की चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और बड़ी तेजी से मैंने उन्हें धक्के देना शुरू कर दिया मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होता तो वह चिल्लाती जाती मुझे बड़ा मजा आता मैं जिस प्रकार से उनकी चूत के मजे लेता वह खुश नजर आ रही थी।
वह मुझे कहने लगी तुम्हारे साथ तो आज बड़ा मजा आ रहा है मैंने उन्हें कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है भाभी जी आपकी चूत कि खुजली जिस प्रकार से मैं मिटा रहा हूं उससे मैं बड़ा खुश हूं। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बड़ा मोटा है मेरा लंड उनकी चूत के अंदर तक जा रहा था मैंने उन्हें कहा घोड़ी बन जाइए? मैंने उन्हें घोड़ी बनाते ही अपने लंड को उनकी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो मुझे बड़ा ही मजा आया। मेरा लंड भाभी जी की चूत के अंदर जाता तो मजा आता मैंने बहुत देर तक उनकी चूत के मजे लिए मेरा वीर्य पतन बाहर की तरफ को होने वाला था मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकालते हुए भाभी जी के मुंह के अंदर डाला मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर गिर चुका था। वह बड़ी खुश हुई वह मुझे कहने लगी आपके साथ तो आज मजा ही आ गया थोड़ी देर हम लोग साथ में बैठे रहे फिर वह कहने लगी चलिए हम लोग चलते हैं कहीं मेरे पति ना आ जाए हम लोग वापस बाहर चले आए। मैंने भाभी जी का नंबर ले लिया हम दोनों के बीच अक्सर फोन पर बातें होती रहती हैं।