तेरी बुर का मैं ता चोदू सोनिये
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मैं असम का रहने वाला एक लड़का हूं। मैं मुट्ठ मार टाइप का लड़का हूं।और मैं किसी को भी नहीं छोड़ता जो भी मुझे दिख जाता है मैं उसकी ले लेता हूं। मुझे सिर्फ छेद दिखाई देता है। और मेरे जेहन में कुछ भी नहीं आता है। इसलिए मैं किसी को भी नहीं छोड़ता मैंने पता नहीं कितने ही अपने रिश्तेदारों की लड़कियों की बजाई है। जिससे कि वह मुझसे अब भागती हैं। मैं कर भी क्या सकता हूं मैं मेरी जवानी पर मुझे इतना जोश है कि वह कंट्रोल ही नहीं होती। मेरे लिए यह एक नशे के समान है जिससे कि मैं परेशान भी हूं और अच्छा भी लगता है। इस बारे में मैंने कई डॉक्टरों को दिखाया और बताया भी है वह यही बोलते हैं कि तुम्हारे दिमाग में सिर्फ और सिर्फ चूत का भूत है।। इसलिए मैंने अब लोगों के यहां पर जाना कम कर दिया है और दिन-रात सिर्फ दारु पीता रहता हूं। इसी के चलते मेरा मानसिक संतुलन भी काफी खराब होता जा रहा है।
इसी वजह से मैं डॉक्टरों के यहां पर जाता हूं। और मेरे पास कोई चारा नहीं है। मैं जैसे ही किसी भाभी को या आंटी को या फिर कोई लड़की को देखता था मेरे लंड पानी गिरने लगता है। लेकिन मुझसे सब लोग भागने लगे थे क्योंकि मैं कभी भी किसी को पकड़कर उसकी गांड को दबा देता था। और उनको चोद देता था। इसी कारण समोसे बचते थे। और जब मैं ज्यादा तनाव में आने लगा तो मैंने कुछ दोस्तों से संपर्क किया जो एक नंबर के नशेड़ी थे। हमें उन लोगों के साथ जान लगा और जी भर के नशा करने लगा। हमारा संतुलन थोड़ा ठीक हो गया था। और वह लोग कभी-कभी कॉल गर्ल को बुला लेते थे और हम उनके साथ ही चुदाई करते थे। मुझे सिर्फ और सिर्फ गाने का बहुत शौक था यह काम में बहुत अच्छे से कर लेता था। लेकिन मेरा यह काम भी छूट चुका था मेरे से लेकिन मैंने एक दिन गाने की कोशिश की और मुझे लगा शायद मैं यह कर पाऊंगा।
उसके बाद मैं एक क्लब में गाने लगा। वहां पर बहुत सारे लोग आते रहते थे। और मुझे कभी भी दारू की कमी या कोई नशे की कमी नहीं हुई जब तक मैं उस क्लब में रहा। तभी मुझे वहां पर एक लड़की मिली जो रोज ही उस क्लब में आती थी। और मुझे हमेशा कुछ ना कुछ पैसे टिप में देकर चाहती थी। वह लड़की मुझे ठीक तो लगती थी। पर मैंने कभी इतना ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं ज्यादा नशे में ही रहता था। एक दिन मैं गाना गा रहा था तो लड़की उस दिन बहुत ही सुंदर लग रही थी मैंने उसको देखा तो मुझे एहसास हुआ कि या तो वाकई में काफी सुंदर है। शायद वह इस वजह से भी था कि मैंने उस दिन दारू काफी कम पी रखी थी। उसने उस लड़की ने मुझे टीप दी थी तो मैंने उससे उसका नाम पूछ लिया उसने अपना नाम पारुल बताया। मैंने पारुल से कहा आज आप बहुत सुंदर लग रही है। उसने मुझे थैंक्स कहा और वह वहां से चली गई।
फिर धीरे धीरे मेरी दोस्ती उससे बढ़ने लगी। पारुल मुझे बहुत ही हॉट लगने लगी थी। शायद मुझे उससे प्यार होने लगा था या फिर मुझे उसको चोदने का मन होने लगा था। मुझे नहीं पता यह क्या था। परंतु जो भी था बहुत अच्छा एहसास होने लगा था। पारुल हमेशा हॉट कपड़ों में आती थी। और आज मैंने उससे बात की तो उसने वाइट कलर का बहुत ही पतला सा वेस्टर्न आउटफिट पहना हुआ था। जिसके अंदर साफ-साफ उसके चूचे दिखाई पड़ रहे थे। जो कि काफी बड़े थे और मैं उनको घूर घूर के देख रहा था। उसके निप्पल एकदम सीधे और खड़क थे। जोकि साफ प्रतीत हो रहे थे उसकी टीशर्ट में से और उसने बहुत ही टाइट जींस पहनी हुई थी जिसमें उसका पूरा बाहर निकला हुआ था। वो जींस कुछ ज्यादा ही टाइट थी उसमें उसकी चूत का सेप भी साफ साफ नजर आ रहा था। यह देख कर मेरा लंड खड़ा होने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मैं वहां पर काम करता था। इसलिए यह सब करना मेरे लिए उचित नहीं था। उसके होठों को नीचे से जो काला तिल था वह हो तो मेरे लिए जैसे एक अद्भुत सा मेरे दिल में हलचल पैदा करता था। एक दिन ऐसा भी आया जिस दिन उस लड़की ने मुझे अपने घर पर इनवाइट किया। उसने कहा आज तुम मेरे घर पर आ जाना और मुझे तुमसे गाना सुनना है। मैंने उसको बोला मैं तो यहां पर काम करता हूं तू आ नहीं पाऊंगा। लेकिन उसने मुझ से रिक्वेस्ट करी तो मैं उसे मना नहीं कर पाया। और फिर मैंने उस दिन काम से छुट्टी ले ली मैं पारुल के घर पहुंच गया।
8:00 बजे के करीब में पारुल के घर पहुंचा। जैसे ही मैं उसके घर पहुंचा उसने मुझे कहा आओ हम गार्डन में बैठते हैं। वह मुझे अपने गार्डन में ले गई। मैंने उसको पूछ ही लिया की तुम्हारे घर पर कोई नहीं रहता है। क्या। उसने मुझे बताया नहीं मैं अकेली ही रहती हूं। मेरे मां-बाप के पास बहुत ही पैसा है। लेकिन उन दोनों को डिवोर्स हो चुका है और वह दोनों अलग-अलग रहते हैं। मुझे उनके साथ रहना पसंद नहीं है तो इसलिए मैं यहीं पर रहती हूं। उसके बाद मैंने भी उसे अपना दर्द बताया और वह पिघल गई उसने कहा बस इतनी सी बात है तुम चूत के लिए भटक रहे हो। और वहां मेरे गले लग गई गले लगते ही उसके बूब्स मेरे छाती से टकरा रहे थे। फिर उसने बोला चलो तुम गाना गाओ मैं तुम्हारा गाना सुनूंगी। जाते-जाते मैंने उससे पूछा तुम करती क्या हो वह बोलने लगी मैं कॉलेज में पढ़ती हूं। फिर मैंने गाना शुरू किया जैसे जैसे मैं गाना गाता जाता कपड़े उतार कर फेंकती जाती।
उसने अपने सारे कपड़े फेंक दिया। और वह नंगी हो गई और नाचने लगी। जैसे जैसे वह नाचती वैसे उसके बूब्स और उसकी चूतड़ हिलती जाती जिसको देख कर मेरा भी लौड़ा खड़ा हो गया। फिर वह मेरे पास आई और बोलने लगी अपना गिटार साइड में रख दो। अब मैंने अपना गिटार साइड में रखकर बोला पारुल बोलो क्या बोल रही थी फार्म ने भी दारू निकाली और कहां और हम दोनों दारु पीते हैं। हम दोनों ने काफी दारु पी ली थी उसके बाद वह रोने लगी। और बोलने लगी मैं कितनी अकेली हूं। अभी मेरी उम्र ही क्या है मैं सिर्फ 21 साल की हूं। और मेरे मां बाप ने मुझे अकेले छोड़ दिया है। मैंने उसको कहा तुम चिंता मत करो मैं हूं। आज से मैं तुम्हारा साथ दूंगा। हमेशा के लिए कभी तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा। वह बोलने लगी पक्का ना सोच लो फिर बाद में मना मत करना क्योंकि मैंने बहुत दुख और तकलीफ देखे हैं। तो मैं भी बोलने का कौन सी मेरी किस्मत अच्छी रही जिंदगी भर दो लोड़े ही लगे हैं मेरे उसने मुझे कहा तुम भी अपने कपड़े उतार दो फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ो और कहने लगी हो तो बहुत बड़ा है। फिर मैंने भी उसकी जांघों पर हाथ रखा और उसकी नरम जांघों को सहलाने लगा।
फिर मैंने उसकी नाजुक होठों को अपने होठों से सटा लिया और देखते ही देखते पता नहीं कब उसके मुंह में अपनी जीभ घुसेड़ दी। उसको भी अच्छा लगने लगा था मैंने फिर उसके बूब्स को भी दबाना शुरु कर दिया। अब वह भी मदहोश हो चुकी थी। जैसे-जैसे उसकी मदहोशी बढ़ती जा रही थी मेरी कामवासना और तेजी से बढ़ती जा रही थी। फिर मेरा लंड 90 डिग्री में खड़ा हो चुका था। पारुल ने उसको देखा और कहने लगी मेरा बाबू मेरा बच्चा कहते-कहते अपने होठों से अंदर ले लिया। और अंदर बाहर करने लगी मुझे भी आनंद आने लगा था। आप मैंने उसकी जांघों के बीच में से अपना लंड घुसेड़ दिया था। मुझे भी आनंद आने लगा था। यह सब करते करते हो गोली कुछ नया करो और हम दोनों का चढ़ गया मैंने अपना वीर्य अंदर ही गिरा दिया। मैंने कहा ठीक है मैं आज कुछ नया ही करता हूं। उसके बाद मैंने पारुल का मुंह आगे की तरफ किया और उसके जो दोनों को अपने मुंह की तरफ किया फिर मैंने उसके चूतड़ों को अलग अलग करके उनके बीच में से उसकी गांड में अपना लंड डालना शुरू किया। यह पारुल का पहला अनुभव था तो उसकी गांड भी बहुत टाइट थी। मुझे भी काफी मेहनत करनी पड़ी मेरी भी लोड़े का टोपा छिल चुका था। और मैंने कैसे कैसे मेहनत करके उसकी लाल गांड में लंड अपना सटा ही दिया। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मुझे अंदर बाहर करने में साफ महसूस हो रहा था कि कितना दर्द हो रहा है। किंतु यही तो मजा इस प्रकार मैंने पारुल की गांड ली। अब हम दोनों साथ ही रहते हैं और मैं रोज उसकी नरम नरम गांड के मजे लेता हूं।