desi porn stories फिर करीब 9 बजे हम सब खाना ख़ाकर सोने के लिए चले गये, में पिछले दिन रात को सफ़र की वजह से जल्दी सो गया था और बाद में कब आकर रिंकी दीदी सो गयी थी मुझे पता भी नहीं चला था, लेकिन आज वैसी कोई बात नहीं थी। फिर मेरे रिंकी दीदी के रूम में जाने के थोड़ी देर बाद ही दीदी भी रूम में आ गयी और उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों आज नींद नहीं आ रही है? तो मैंने कहा कि नहीं आज एकदम ठीक है। तो वो बाथरूम में चली गयी और कुछ देर के बाद जब बाहर निकली तो तब वो एक ढीली ढाली सी टी-शर्ट और पेंटी पहनी हुई थी। फिर वो आकर बेड पर बैठ गयी और मुझसे कहा कि आज मेरे बदन में थोड़ा दर्द हो रहा है शायद आज स्विमिंग ठीक तरह से ना होने की वजह से और मुझसे कहा कि तुमको अगर तकलीफ़ ना हो तो क्या तुम थोड़ी देर मेरे बदन की मसाज कर दोगे? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं? तो तब वो बिस्तर पर अपनी पीठ को ऊपर करके उल्टा होकर लेट गयी और में आहिस्ता-आहिस्ता उनको मसाज करने लगा। लेकिन अब उनकी टी-शर्ट की वजह से मेरा हाथ बार-बार फिसल रहा था।तो तब उन्होंने कहा कि मेरी टी-शर्ट की वजह से परेशानी हो रही है ना, तो एक काम कर मेरी टी-शर्ट को ऊपर की तरफ उठा दो। तो मैंने उनकी टी-शर्ट को एकदम उनकी गर्दन तक उठा दिया, उनकी पीठ एकदम सफ़ेद और मुलायम थी, उन्होंने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी। फिर मैंने धीरे-धीरे मालिश करना शुरू किया, लेकिन बार-बार उनकी टी-शर्ट नीचे की तरफ गिरे जा रही थी। तो तब उन्होंने मुझे रोककर अपनी टी-शर्ट को ही उतार दिया, अब वो सिर्फ़ एक पेंटी पहने ही फिर से लेट गयी थी। फिर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि अब ठीक है और वो सीधी होकर अपनी पीठ के बल सो गयी। अब में पहली बार रिंकी दीदी को इस तरहा सिर्फ़ पेंटी पहने हुए आधी नंगी देख रहा था, उनके बूब्स मीडियम साईज़ के थे और ब्राउन कलर की निपल्स, जो कि एकदम कड़क हो गयी थी और सबसे खास बात थी उनकी नाभि, जिसको में पहली बार इतनी पास से देख रहा था, मैंने इतनी चौड़ी और गहरी नाभि कभी नहीं देखी थी।
फिर में रह नहीं पाया तो मैंने उनसे कहा कि दीदी आपकी नाभि कितनी बड़ी है? तो रिंकी दीदी ने हंसकर कहा कि हाँ मेरे दोस्त और सहेलियां भी यही कहते है। तो मैंने कहा कि क्या में इसमें अपनी उंगली डालकर देखूं? तो उन्होंने हंसकर कहा कि क्यों नहीं? तो मैंने उनकी नाभि में अपनी एक उंगली डाल दी तो मेरी उंगली लगभग आधी उसके अंदर चली गयी तो मैंने उनसे कहा कि दीदी आपकी नाभि इतनी गहरी है कि उसके अंदर मेरी एक उंगली लगभग पूरी घुसे जा रही है। तो दीदी हंसकर बोली कि इससे भी गहरी एक जगह है, जहाँ तुम्हारी उंगली तो क्या पूरा हाथ ही घुस जाएगा? लेकिन उसमें हाथ नहीं घुसाते कुछ और घुसाते है। तो मैंने कहा कि ऐसी कौन सी जगह है? तो दीदी ने कहा कि एक काम करो तुम मेरी पेंटी को ज़रा उतार दो। अब मुझे ऐसे करने में अजीब लग रहा था, लेकिन फिर भी मैंने उनकी पेंटी उतार दी और उन्होंने अपनी दोनों टांगो को एकदम फैला दिया। उनकी चूत एकदम साफ और चिकनी थी, उनकी चूत से शायद कुछ पानी सा निकल रहा था।फिर उनकी दोनों टांगे फैलाते ही उनकी चूत का मुँह खुल गया, उनकी चूत तब पूरी खिली हुई गुलाब जैसी लग रही थी। फिर वो मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर अपनी चूत के पास ले गयी और कहा कि अब इसके अंदर अपनी दो उँगलियाँ एक साथ घुसाओ, देखो ये कितनी गहरी है? तो मैंने अपनी दो उँगलियाँ उनकी चूत में डाल दी तो वो आसानी से एकदम अंदर की और पूरी घुस गयी। फिर जब मैंने अपनी उँगलियाँ बाहर निकाली तो तब उसमें रस जैसा कुछ लगा हुआ था। तो दीदी ने कहा कि इसे चाट लो देखो अच्छा लगेगा, तो मैंने अपनी उँगलियों को चाटा तो वो रस कुछ नमकीन जैसा था। फिर दीदी ने कहा कि अब एक काम करो अपने लंड को बाहर निकालो और जिस तरह इसमें उंगली डाली थी उसी तरह उसमें अपने लंड को घुसा दो। तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला, जो कि बिल्कुल टाईट और कड़क हो चुका था और दीदी ने जैसा कहा उसी तरह अपने लंड को उनकी चूत में घुसा दिया।दीदी ने कहा कि अब अपने लंड को अंदर-बाहर करते रहो, तो में उनके कहे अनुसार करने लगा। अब पहले-पहले तो मेरा लंड उनकी चूत से बाहर निकले जा रहा था, अब दीदी खुद ही उसे फिर से घुसा रही थी। फिर दीदी ने कहा कि अपनी स्पीड बढ़ा दो, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो दीदी के मुँह से आवाजे निकलने लगी उन्ह उन्ह आहहहहह। फिर थोड़ी ही देर में मुझे ऐसा लगा कि मेरे लंड से कुछ निकल रहा है और दीदी की चूत के अंदर गिर रहा है, अब मुझे बहुत अजीब सा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने दीदी से कहा कि दीदी मेरे लंड से कुछ निकल रहा है। तो दीदी ने कहा कि ये तुम्हारे लंड का रस है, तो मैंने वो रस दीदी की चूत के अंदर ही पूरा डाल दिया। अब में थक चुका था तो में अपना लंड दीदी की चूत से बाहर निकालकर उनके बगल में सो गया। अब दीदी उठकर मेरे लंड को अपने मुँह में डालकर चूसने लगी थी। फिर कुछ देर तक वैसे चूसने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि चलो बाथरूम में जाकर थोड़ा साफ हो लेते है, तो में उनके साथ बाथरूम में घुस गया। अब वो मेरे सामने ही बैठकर पेशाब करने लगी थी, अब मुझे भी जोर से पेशाब आ रहा था तो में भी उनके पास खड़ा होकर पेशाब करने लगा। फिर हम दोनों के पेशाब करने के बाद उन्होंने मेरे लंड को और अपनी चूत को अच्छी तरह से पानी से धोया और फिर हम दोनों आकर नंगे ही सो गये। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों कैसा लगा? तो मैंने कहा कि बहुत अच्छा लगा। तो उन्होंने कहा कि मुझे भी बहुत अच्छा लगा, मैंने इससे पहले बहुत बड़े-बड़े लंडो चुदवाया था, लेकिन आज पहली बार छोटे लंड से चुदवाया है।