गोरा बदन इंतजार में था

गोरा बदन इंतजार में था

Antarvasna, hindi sex story: भैया की शादी अब तय हो चुकी थी और भैया की शादी बहुत ही धूमधाम से हुई। भैया की शादी में मुझे माधुरी मिली माधुरी मेरी छोटी बहन की सहेली है और जब माधुरी से मैंने बात की तो माधुरी ने मुझे बताया कि वह दिल्ली में रहती है। मैं जयपुर में रहता था माधुरी दिल्ली में ही अपने किसी रिलेटिव के घर पर रहती है और वहां पर वह जॉब करती है मैंने माधुरी से बात की तो मुझे अच्छा लगा उसके बाद मैं माधुरी से काफी समय तक नहीं मिला। एक बार जब मेरा दिल्ली जाना हुआ तो मेरी मुलाकात इत्तेफाकन से माधुरी के साथ हो गई। जब मेरी मुलाकात माधुरी के साथ हुई तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ कॉफी शॉप में बैठे हुए थे। मैंने माधुरी को अपने साथ कॉफी पर चलने के लिए कहा तो वह मेरी बात मान गई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। पहली बार ही मैं माधुरी के साथ खुलकर बातें कर पा रहा था और मुझे माधुरी के साथ बात करके बहुत अच्छा लग रहा था। मैं जब माधुरी से बात कर रहा था तो मैंने माधुरी से कहा कि मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है।
हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे हम दोनों को एक दूसरे से बातें करना काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था और मैं काफी ज्यादा खुश था कि मैं माधुरी से बात कर पा रहा हूं। मैंने माधुरी से उस दिन उसका नंबर लिया और उसके बाद माधुरी चली गई, जब माधुरी वहां से चली गई तो मैंने माधुरी को फोन किया। मैं कुछ दिनों तक तो दिल्ली में ही था और दिल्ली मर कुछ दिनों तक रहने के बाद मैं वापस जयपुर लौट आया था जयपुर लौटने के बाद मैंने माधुरी को फोन किया और माधुरी से मेरी फोन पर बातें होने लगी थी। मुझे भी कहीं ना कहीं यह एहसास हो चुका था कि माधुरी भी मुझसे प्यार करने लगी है इसलिए मैंने माधुरी से अपने दिल की बात कहने के बारे में सोच लिया था और मैंने उसे अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने माधुरी को अपने दिल की बात कही तो वह भी मुझे कहने लगी की अजीत तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। अब हम दोनों के बीच रिलेशन शुरू हो चुका था और हम दोनों ही काफी ज्यादा खुश थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे हैं।
हम एक दूसरे को मिलना भी चाहते थे लेकिन माधुरी दिल्ली में जॉब करती थी और मैं जयपुर में था इसलिए मुझे ही माधुरी को मिलने के लिए दिल्ली जाना पड़ता था। माधुरी कुछ दिनों के लिए अपने घर जयपुर आई हुई थी जब वह जयपुर आई तो उस दौरान माधुरी और मैंने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। हम दोनों के रिलेशन को 6 महीने से ऊपर हो चुका था हम दोनों का रिलेशन काफी अच्छे से चल रहा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा कुछ भी थे। मुझे तो बहुत अच्छा लगता था जब भी मैं माधुरी के साथ होता, मुझे माधुरी के साथ समय बिताना पसंद था और हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। एक दिन मैंने माधुरी से कहा की क्या तुम जयपुर में ही जॉब नहीं कर सकती तो माधुरी ने मुझे बताया कि नहीं वह दिल्ली की एक अच्छी कंपनी में जॉब करती है और जयपुर में उसे उतनी अच्छी सैलरी भी नहीं मिल पाएगी। माधुरी से भी नहीं चाहती थी कि वह दिल्ली से अपनी जॉब छोड़ें। हम दोनों का रिलेशन दिन–ब–दिन बढ़ता ही जा रहा था और हम चाहते थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ रहे लेकिन उसी बीच मेरे बिजनेस में काफी नुकसान हो गया था जिससे कि मुझे उस नुकसान की भरपाई करने में काफी समय लग गया। मेरे बिजनेस में हुए नुकसान की भरपाई करने में मुझे समय लगा और उस दौरान मैं मानसिक रूप से भी काफी तनाव में आ चुका था जिससे कि मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था। मैं सोच रहा था कि क्या ऐसी स्थिति में माधुरी को मेरा साथ देना चाहिए या नहीं क्योंकि माधुरी को शायद इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था कि मुझे बिजनेस में नुकसान हुआ है। मुझे माधुरी से किसी भी प्रकार का कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था मेरे और माधुरी के बीच झगड़े शुरू हो गए थे। माधुरी ने मुझे कहा कि देखो झगड़े करने से कोई भी फायदा नहीं है इसलिए तुम मुझसे झगड़ा ना करो तो ज्यादा ठीक रहेगा। अब हम दोनों एक दूसरे से बहुत दूर होने लगे थे और एक समय ऐसा आया जब हम दोनों एक दूसरे से इतने दूर हो चुके थे कि अब हम दोनों एक दूसरे के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं थे।
माधुरी मेरी जिंदगी से दूर हो चुकी थी मुझे भी लग रहा था कि शायद माधुरी मुझसे प्यार ही नहीं करती थी लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था यह सब मेरी गलती की वजह से ही हुआ था मुझे लगता था कि माधुरी मेरा साथ बिल्कुल नहीं देती है लेकिन माधुरी ने मेरा साथ देने की कोशिश की और उसने अपनी शेविंग में से मुझे कुछ पैसे दिए जिससे कि मैं दोबारा से अपना नया बिजनेस शुरू कर पाया। मैंने अपना बिजनेस शुरू कर लिया था माधुरी का मेरे ऊपर बहुत बड़ा एहसान था और शायद यह एहसान मैं कभी चुका नहीं सकता था। मैंने माधुरी से कहा कि अब मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तो माधुरी इस बात के लिए तैयार थी और वह मुझे कहने लगी कि अजीत तुम्हें जैसा ठीक लगता है तुम वैसा ही करो। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ शादी करने के लिए तैयार हो चुके थे। माधुरी और मेरे बीच रिलेशन दिन–ब–दिन बढ़ता ही जा रहा था इसलिए मैं माधुरी को मिलने के लिए दिल्ली चला गया। जब मैं माधुरी को मिलने दिल्ली गया था तो उस दिन मै होटल में रुका हुआ था।
मैं माधुरी से मिला तो माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे। मैंने उस दिन माधुरी के हाथो को पकड़ते हुए सहलाना शुरू किया तो माधुरी को भी अच्छा लगने लगा। माधुरी बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी माधुरी ने मुझसे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैंने माधुरी के नरम होंठों को चूमना शुरू कर दिया मैं माधुरी के होठों को चूमने लगा था। मै उसके अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाने लगा था।
माधुरी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। माधुरी से बिल्कुल रहा नहीं जा रहा था और मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा जा रहा था। माधुरी अब पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी मैंने माधुरी को कहा तुम मेरे लंड को चूस लो। माधुरी ने मेरे लंड को सकिंग करना शुरू कर दिया। वह मेरे मोटे लंड को सकिंग कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था और मेरे अंदर की गर्मी भी बढ़ती जा रही थी। माधुरी ने मेरे अंदर की तडप को बढा कर रख दिया था। माधुरी ने मेरे अंदर की गर्मी को इस कदर बढ़ा दिया था मैंने माधुरी को कहा अब मैं रह नहीं पाऊंगा। माधुरी ने मुझे कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा। मैंने माधुरी के कपड़े उतारकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया यह पहली बार था जब मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान कर रहा था। माधुरी की गर्मी को मैं बढ़ाए जा रहा था माधुरी की तडप बढने लगी थी। माधुरी मुझसे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैंने माधुरी को कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है। उसकी चूत से पानी बहुत ज्यादा अधिक निकलने लगा था। मैने माधुरी से कहा मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने मोटे लंड को डालना चाहता हूं। यह कहकर मैंने माधुरी की चूत के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा दिया। माधुरी की योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था। जैसे ही माधुरी के योनि में मेरा मोटा लंड प्रवेश हुआ तो माधुरी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है।
मैंने जब माधुरी की चूत की तरफ देखा तो माधुरी की योनि से खून बाहर की तरफ निकलने लगा था। मुझे खुश था माधुरी की सील को तोड़ कर। माधुरी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और वह अपने पैरों को खोलने लगी। माधुरी सिसकारियां ले रही थी वह मुझे अपनी ओर खींच रही थी। उसकी मादक आवाज मुझे अपनी ओर खींचने लगी थी जिस से कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और मेरे अंदर की गर्मी भी अब बढ़ने लगी थी। मैंने माधुरी से कहा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी है। माधुरी मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल रहा नहीं जा रहा है। मैंने माधुरी को कहा माधुरी अब मैं तुम्हारी चूत मे अपने माल को गिराने जा रहा हूं। माधुरी ने मुझे कहा तुम अपने माल को मेरी चूत में गिरा दो। मैं बहुत ज्यादा खुश था मैंने माधुरी की योनि मे अपने माल को गिरा दिया था।
मैने अपनी और माधुरी की इच्छा को पूरा किया कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे और हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे। मैं माधुरी की जांघो को सहला रहा था थोड़ी देर बाद मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा। मेरा लंड दोबारा से माधुरी की चूत में जाने के लिए उतावला हो चुका था। मैंने जब माधुरी की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो माधुरी जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। माधुरी की चूत से अभी भी खून बाहर निकल रहा था और उसे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जब मैं माधुरी की चूत का मजा ले जा रहा था। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। माधुरी ने मुझे बोला मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है आज तुम्हारे साथ सेक्स का मजा लेने मे। मैने माधुरी की चूत मे माल गिरा दिया था। उसके बाद हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते रहे लेकिन अभी भी हम दोनों की शादी हो नहीं पाई है।