क्यूँ आई हो तुम
hindi sex stories
मेरा नाम संजय है और मैं एक फाइनेंस कंपनी में जॉब करता हूं। मैंने 2 महीने पहले ही कंपनी ज्वाइन की है और इससे पहले मैं किसी और कंपनी में काम कर रहा था। मैं लखनऊ का रहने वाला हूं और मेरा एक बड़ा भाई भी है जो कि एक दूसरी कंपनी में जॉब करता है और मेरे पिताजी घर पर ही रहते हैं। मेरी मां भी घर पर रहती है। मेरे पिताजी की तबीयत थोड़ा ठीक नहीं रहती है जिसकी वजह से अब उन्होंने काम छोड़ दिया है। पहले वह एक प्राइवेट नौकरी में ही थे लेकिन जब से उनका स्वास्थ्य खराब हुआ है उसके बाद से वह घर पर ही रहते हैं। क्योंकि डॉक्टर ने उन्हें आराम करने के लिए कहा है। इस वजह से वह घर पर ही है और हम दोनों भाई घर का खर्चा चलाते हैं। मेरे भाई का नाम सोहन है। वह भी एक बहुत अच्छी कंपनी में जॉब करता है और हम दोनों की मुलाकात सिर्फ छुट्टी के दिन हीं होती है। मेरे भैया और मेरी उम्र में ज्यादा कुछ फर्क नहीं है। इस वजह से मैं उसके साथ बहुत ही ज्यादा खुला हुआ हूं और मैं उससे हर बात शेयर कर लेता हूं। जिस दिन हमारी छुट्टी होती है उस दिन मैं उससे पूछ लिया करता हूं कि तुम्हारा काम कैसे चल रहा है और वह भी मुझसे पूछ लिया करता है कि तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है। हम दोनों के बीच में बहुत ही ज्यादा प्रेम है और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अधिक मानते भी हैं।
एक बार मेरे भाई ने मुझे कहा कि हम लोग कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं। जिसमें कि मेरे ऑफिस के सब लोग होंगे। तो वह कह रहे थे यदि तुम्हारे साथ भी कोई चलना चाहता हो तो तुम उसे बुला सकते हो। मेरे भाई ने जब मुझसे इस बारे में पूछा तो मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारे साथ चलूंगा। क्योंकि हमारे ऑफिस में तो सब लोग बहुत ही बोरिंग है। ना ही कहीं वह घूमने जाते हैं और ना ही उन्हें कुछ दिन दुनिया से मतलब रहता है। मैंने उन्हें पूछा कि तुम लोग कहां का प्लान बना रहे हो। वह कहने लगे कि हम लोग वाटर पार्क जाने की सोच रहे हैं और हम लोग पूरा दिन वही रहने वाले हैं। जिस दिन हम लोग सुबह जाने वाले थे उस दिन मेरे भैया के ऑफिस के सब लोग मिले। उनमें से एक लड़की मुझे बहुत ज्यादा पसंद आई। उसका नाम साक्षी है लेकिन मैं इस बारे में अपने भाई को कुछ भी बात नहीं बताना चाहता था और सोच रहा था कि मैं खुद ही साक्षी से बात कर लूं। यदि उस से मेरी बात नहीं हो पाती तो उसके बाद मैं अपने भाई से इस बारे में चर्चा करता हूं। अब हम लोग वाटर पार्क चले गए और वहां जमकर मस्ती कर रहे थे। सब लोग बहुत ही खुश थे। सबके चेहरे पर बहुत ही खुशी नजर आ रही थी। क्योंकि इस हफ्ते में एक ही छुट्टी मिलती है और सब लोग उसको इंजॉय करना चाहते हैं। नहीं तो ऑफिस में सब लोगों की हालत खराब रहती है।
कुछ देर बाद साक्षी मेरे पास आई और मुझसे पूछने लगी, क्या तुम सोहन के भाई हो। मैंने उसे कहा कि हां मैं सोहन का भाई हूं और अब वह मुझसे पूछने लगी तुम क्या करते हो। मैंने उसे बताया कि मैं फाइनेंस कंपनी में जॉब करता हूं। वह कहने लगी यह तो बहुत ही अच्छी बात है। अब साक्षी मेरे साथ बहुत ही बातें कर रही थी और तभी मैंने उसे कहा कि क्या आप मेरे साथ एक कप कॉफी पी सकती है। उसने मुझे कहा ठीक है। अब वह वहीं पास के कैंटीन में मेरे साथ चल पड़ी और हम दोनों वहां बैठकर कॉफी पीने लगे। हम दोनों बहुत सारी बातें कर रहे थे और वो बहुत ही खुश नजर आ रही थी। मैंने बातों-बातों में उसका फोन नंबर भी ले लिया और उसने मुझे अपना फोन नंबर दे दिया। जब मैंने उसका नंबर लिया तो मैं अंदर ही अंदर से बहुत ज्यादा खुश था और वह भी मुझसे बात कर कर बहुत खुश हो रही थी। अब साक्षी ने कहा कि हम लोग चलते हैं सब लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे। अब हम लोग वापस आ गए और थोड़ी देर में अंधेरा होने वाला था तो सब लोगों ने फैसला किया कि हम लोगों को वापिस चलना चाहिए। अब सब लोग वापस आ गए और जब हम लोग घर पहुंचे तो मेरे भाई ने मुझसे पूछा तुम्हें कैसा लगा। मैंने उसे बताएं कि मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैं बहुत ही खुश हूं। वह मुझे कहने लगा तुम्हें मेरे दोस्त सब अच्छे लगे। मैंने उसे कहा कि तुम्हारे दोस्त सब बहुत ही अच्छे हैं और मुझे साक्षी तो बहुत ही ज्यादा पसंद आई। अब वह कहने लगा कि तुम्हें साक्षी कुछ ज्यादा ही पसंद आई। मैं इसका मतलब नहीं समझा। मैंने उसे बताया कि मुझे साक्षी के लिए एक फीलिंग आने लगी है। वह यह बात सुनकर बहुत ही खुश हुआ और कहने लगा वह तो बहुत ही अच्छी लड़की है। चलो अगर तुम्हारा उससे कुछ रिलेशन बन जाता है तो यह बहुत ही अच्छी बात है।
अब मैंने साक्षी को एक दिन गुड मॉर्निंग का मैसेज भेज दिया और उसने भी मुझे रिप्लाई कर दिया। अब ऐसे ही मैं उसे मैसेज भेज दिया करता हूं और वो रिप्लाई कर देती। कुछ दिनों तक तो ऐसा ही सिलसिला चलता रहा लेकिन मैंने उसे फोन नहीं किया। मैं देखना चाहता था कि उसके दिल में मेरे लिए कुछ है भी या नहीं। मैंने उसे मैसेज भेजना बंद कर दिया और कुछ दिनों तक उसने भी मुझे मैसेज नहीं भेजा लेकिन एक दिन उसने मुझे मैसेज भेजा तो मैं बहुत खुश हुआ। अब मैंने भी दोबारा से मैसेज भेजना शुरु किया और मैंने उसे फोन करना शुरू कर दिया। हमारी फोन पर काफी देर बात होती थी। अब धीरे-धीरे हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी और मैं उससे मिलने भी लगा। जब वह ऑफिस से फ्री हो जाती तो मैं उसे मिल लिया करता था। कभी मैं अपने भाई के ऑफिस में ही उससे मिलने चला जाता था। क्योंकि उनके ऑफिस में सब लोग मुझे जानते थे। इसलिए मुझे कोई भी दिक्कत नहीं होती थी।
एक दिन मैं साक्षी से मिलने के लिए ऑफिस में ही चला गया। वह कहने लगी कि आज हमारे ऑफिस में मीटिंग है तुम छत में मेरा इंतजार करो मैं वहीं आती हूं। जब मैं छत में गया तो थोड़ी देर वहीं पर मैं सिगरेट पीने लगा और काफी देर तक साक्षी छत में नहीं आई। जब वह छत में आई तो उसने छत का दरवाजा बंद कर दिया और हम दोनों काफी देर तक बातें करने लगे। बातें करते करते मुझे उसके होठों की लाल लिपस्टिक अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी और मैंने उसे तुरंत ही किस कर लिया। मैने उसे वही छत पर लेटा दिया। मैंने जब उसे किस किया तो उसका शरीर पूरा गरम हो गया और वह भी मुझे किस करने लगी। मैंने उसके स्तनों को उसकी शर्ट से बाहर निकालते हुए अपने मुंह में लेकर उसका रसपान करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर तक मैं उन्हें अपने मुंह में लेकर ही चूसता रहा। कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंट को उतार दिया और उसकी योनि को चाटने लगा। अब उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी निकलने लगा तो मैंने उसमें अपने लंड को डाल दिया।
जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुम्हारा तो बहुत ही मोटा लंड है। अब मैं उसे बड़ी तीव्रता से चोदता जा रहा था उसे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिया जा रहा था। उसका शरीर अब और गर्म होने लगा और वह बड़ी ही मादक आवाज निकालने लगी। अब मैंने उसे उठाते हुए उस घोड़ी बना दिया और घोड़ी बनाते ही मैंने उसकी योनि में जैसे ही अपने लंड को डाला तो वह उछल पड़ी। मैंने उसे अब तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए। मैं उसे इतनी तेज झटके मारे जा रहा था कि उसका पूरा शरीर हिल रहा था। उसकी पूरी चूतडे लाल हो गई थी और उसे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिया जा रहा था। वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाने लगी वह भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। मैं उसे इतनी तेज तेज धक्के दिया जा रहा था वह और तेज चिल्ला रही थी। उसकी चूतड़ों पर मेरे हाथ के निशान भी पड़ चुके थे। उसे इतना मजा आ रहा था कि वह मुझे कह रही थी तुमसे अपनी चूत मरवा कर मुझे बड़ा ही मजा आ रहा है। तुम्हारा लंड लेकर तो ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपनी चूत मे कोई डंडा ले लिया हो। मैंने उसे इतनी तेज तेज धक्के दिए कि उन्हीं धक्कों के बीच में मेरा वीर्य उसकी योनि में जा गिरा और मेरा वीर्य इतनी तेजी से उसकी योनि में गिरा की मुझे पूरा मजा आ गया।