अनजान महिला ने जरूरतों को पूरा किया

antarvasna, desi sex stories Ajnabi Aurat ki chudai मेरा नाम राकेश है मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है, मेरी शादी को 7 वर्ष हो चुके हैं, मेरी पत्नी जया का व्यवहार तो सब के साथ बहुत अच्छा रहता है, मेरी पत्नी हमेशा मुझे कहती है कि आप अपने गुस्से पर हमेशा कंट्रोल किया कीजिए। मेरे गुस्से के चलते ही मेरे भाई और मेरे बीच में झगड़ा हो गया, मेरे भैया का नाम संजय है लेकिन अब मेरा उनसे कोई भी लेना देना नहीं है और वह भी हमारे परिवार से अब कोई संपर्क नहीं रखते।

मुझे इस बात का बिल्कुल भी दुख नहीं है कि वह मुझसे बात नहीं करते लेकिन मुझे इस बात का बहुत ज्यादा दुख होता है कि उन्होंने मेरे साथ बहुत गलत किया, मेरे पिताजी ने हमारे नाम पर जो घर किया था उसमें से उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं दिया और वह घर बेच दिया। जब मुझे यह बात पता चली तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम पैसों का क्या करोगे, तुम्हारी आदत ही गंदी है यदि तुम्हें मैं पैसे दे दूंगा तो तुम वह पैसे भी खर्च कर दोगे, मैंने उन्हें कहा आप हमेशा ही मुझ पर गलत शक करते हैं, मेरी आदत जबकि ऐसी नहीं है, उन्हें हमेशा से ही लगता था कि मैं बहुत ही आजाद किस्म का व्यक्ति हूं और सिर्फ अपने लिए ही सोचता हूं।

जब तक मेरे पिता जिंदा थे उस वक्त मेरे भैया ने मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन जैसे ही उनका देहांत हुआ तो उन्होंने अपने रंग बदलने शुरू कर दिए और अपने नाम पर सब कुछ करवा लिया, मैंने उनसे अपना हक मांगा लेकिन उन्होंने कहा कि तुम अभी उसके काबिल नहीं हो, उसके बाद वह मुझे हमेशा ही टालते ही रहे, मेरी शादी भी हो चुकी थी और मुझे भी अपनी पत्नी के बारे में सोचना था लेकिन मेरे भैया ने ना तो मुझे कुछ पैसे दिए और ना ही कभी मेरी कोई मदद की इसलिए मैंने उनके साथ बात करना ही बंद कर दिया और अपना अलग रहने लगा।

मैंने शुरुआत में बहुत ज्यादा मेहनत की, मेरे पास कुछ भी नहीं था, उसके बाद भी मैंने अब सब कुछ कर लिया है, मैंने अपना घर भी पिछले साल ही लिया है। मेरी पत्नी मुझे कहती है कि आपने बहुत मेहनत की और आपने बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारी यदि आप की जगह कोई और होता तो शायद वह कब का टूट चुका होता, मैं अपनी पत्नी से हमेशा कहता हूं कि यदि हम सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो सब कुछ अच्छा होता है लेकिन मेरे भैया ने हीं तो मेरे साथ गलत ही किया, उसका अफसोस मुझे जिंदगी भर तक रहेगा।

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मैं जब इस बारे में सोचता हूं तो मुझे लगता है कि रिश्ते कैसे एक पल में ही टूट जाते हैं, जब तक मेरे पिता जीवित थे तब तक तो मेरे भैया ने मुझे कभी भी कुछ नहीं कहा और ना ही वह मुझे किसी भी बात के लिए कुछ कहते थे वह मुझसे इतना प्रेम और भरोसा करते थे जितना की पूरी दुनिया में वह किसी पर ना करते हो लेकिन जैसे ही मेरे पिता का देहांत हुआ उसके बाद से उन्होंने अपने रंग बदलने शुरू कर दिए और मेरी भाभी भी कम नहीं है वह भी मेरे भैया का हमेशा साथ देती हैं और कहते हैं कि उनके जैसा व्यक्ति तो पूरी दुनिया में नहीं है।

मैं जब भी यहा बात सुनता हूं तो मुझे बहुत अफसोस होता है और अब मुझे अपने भाई की शक्ल देखनी भी पसंद नहीं है, मैं अपने जीवन में अब खुश हूं और अपने जीवन को अपने तरीके से जी रहा हूं। मेरी पत्नी और मेरे बच्चे भी खुश हैं उन्हें भी मैं कभी कोई कमी नहीं करता और ना ही मैंने कभी उन्हें कोई कमी होने दी। एक दिन मैं घर पर बैठा हुआ था मेरी पत्नी मुझे कहने लगी गोलू का एडमिशन किसी अच्छे स्कूल में करवाना है, मैंने अपनी पत्नी से कहा क्यों क्या वह जिस स्कूल में पढ़ रहा है वहां अच्छी पढ़ाई नहीं होती, मेरी पत्नी कहने लगी की वह जिस स्कूल में पढ़ता है वहां पर कोई कमी नहीं है लेकिन मैं चाहती हूं कि वह और अच्छे स्कूल में पढ़े ताकि कल को ऐसा ना हो कि हम अपने बच्चे को एक अच्छी शिक्षा ना दे पाए, मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम मुझे दूसरे स्कूल की फीस बता देना उसके बाद मैं वहां पर गोलू का दाखिला करवा दूंगा, मेरी पत्नी कहने लगी कल ही मैं वहां चली जाऊंगी वहां पर फीस पता कर लूंगी, मैं आपको कल ही उसकी जानकारी दे दूंगी।

अगले दिन जब मैं काम पर था तो मेरी पत्नी ने मुझे कहा कि वहां पर तो काफी ज्यादा फीस है, मेरे दिमाग में अब यह बात बैठ चुकी थी कि मुझे अब उसी स्कूल में अपने बच्चे का दाखिला करवाना है लेकिन मेरी पत्नी जया मुझे कहने लगी अब रहने दीजिए वहां पर हमें गोलू को नहीं पढ़ाना परंतु मैंने भी ठान ली थी कि मुझे उसी स्कूल में गोलू का दाखिला करवाना है और किसी भी हालत में मैं उसे वहां पर पड़ा कर रहूंगा, मेरे अंदर एक आदत पहले से ही थी कि यदि मैंने कोई बात अपने दिमाग में बैठा ली तो उसे मैं जरूर पूरा करता हूं।

मैंने भी अब पूरी तरीके से सोच लिया था कि मैं गोलू को दूसरे स्कूल में दाखिला देकर दिखाऊंगा। मैं एक दिन उस स्कूल में चला गया और मैंने वहां पर फीस पता कि तो फीस वाकई में काफी ज्यादा थी, मैंने भी सोचा कि मुझे इस वक्त पैसे कौन देगा क्योंकि मेरा ज्यादा किसी के साथ संपर्क नहीं था। उसी दौरान मुझे एक विधवा महिला मिली मेरी उनसे मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। मेरा दोस्त मुझे कहने लगा यह बहुत ही पैसे वाली है, यह तुम्हें पैसे दे सकती है लेकिन तुम्हें इन्हें खुश करना होगा। मैंने जब उन्हें देखा तो उनकी उम्र मुझसे काफी ज्यादा बड़ी थी लेकिन मुझे भी पैसो की आवश्यकता थी मैंने उनसे कहा मुझे पैसों की जरूरत है।वह कहने लगी तुम्हें कितने पैसे चाहिए मैं तुम्हें पैसे दे दूंगी लेकिन तुम्हें उसके बदले मेरी भी कुछ जरूरतों को पूरा करना होगा।

यह कहते हुए वह चली गई कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे फोन किया मैं उनके घर गया तो उनका घर बहुत ही आलीशान था लेकिन उनके घर में कोई भी नहीं था, उनके घर में काफी नौकर थे और सभी पुरुष थे मुझे लगा यह उनसे भी मजे लेती होंगी। मैं उन महिला के पास बैठा हुआ था। उन्होंने मुझसे मेरी समस्या पूछी? मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया उन्होंने मुझे कहा तुम चिंता मत करो, उन्होंने अपनी अलमारी से मुझे पैसे निकाल कर दिया और कहा इन पैसे से तुम अपने बच्चे का दाखिला करा देना लेकिन तुम्हें मेरी चूत मारनी होगी।

मैंने उन्हें कहा ठीक है, उन्होंने अपने कपड़े खोल दिए उनके बदन में झुरियां पड़ी हुई थी लेकिन उनकी गांड बड़ी ही टाइट थी और उनकी गांड का सेप बहुत ज्यादा बढ़ा था, मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और काफी देर तक मैं उनकी चूत चाटता रहा। जब मैने अपने लंड को अंदर डाला तो वह पहले ही काफी लंड ले चुकी थी उनकी चूत का भोसड़ा बना हुआ था।मुझे भी उन्हें चोदने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था लेकिन उन्होंने मुझे पैसे दिए थे इसलिए मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा, मेरा माल भी गिरने का नाम नहीं ले रहा था लेकिन जैसे ही कुछ मिनट बाद मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा वीर्य बड़ा ही गरमा गरम है मेरी चूत में जाते ही मेरे अंदर एक ताजगी आ गई।

उन्होंने मुझे कहा अब तुम मेरी गांड मारकर मेंरी इच्छा पूरी कर दो। मैंने आज से पहले कभी किसी की गांड नही मारी थी इसलिए मैं थोड़ा डर रहा था। उन्होंने मेरे लंड पर तेल की मालिश की, मेरा लंड भी इतना कडक हो गया, जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड मे डाला तो उनकी गांड चिकनी हो गई। मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरा लंड घुस जाएगा, जैसे ही मैंने थोड़ा सा अंदर की तरफ धक्का मारा तो मेरा लंड अंदर जा चुका था। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा  लंड बहुत मोटा है। मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिया मैं जब उनकी गांड मार रहा था तो वह बहुत खुश हो गई।

वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी और कहने लगी तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत मजा आ रहा है, तुम्हें मेरी गांड मारते रहो। मेरा लंड भी उनकी गांड के अंदर बाहर हो रहा था उनकी गांड का छेद इतना टाइट था कि मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैं भी जोश मे आ गया, मैंने काफी देर तक उनकी गांड मारी जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उन्हें काहा मेरे वीर्य पतन होने वाला है।

वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर डालो। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेते हुए चूसना शुरू किया और कुछ ही सेकंड बाद मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर चला गया उन्होंने वह सब अपने अंदर समा लिया।